उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में विश्व स्तरीय मंदिर संग्रहालय के निर्माण को मंजूरी दी |

उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में विश्व स्तरीय मंदिर संग्रहालय के निर्माण को मंजूरी दी

उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में विश्व स्तरीय मंदिर संग्रहालय के निर्माण को मंजूरी दी

:   Modified Date:  June 25, 2024 / 06:39 PM IST, Published Date : June 25, 2024/6:39 pm IST

लखनऊ, 25 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश के अयोध्या में विश्वस्तरीय भारतीय मंदिर संग्रहालय के निर्माण के प्रस्ताव को प्रदेश सरकार ने मंगलवार को मंजूरी दे दी।

संग्रहालय के निर्माण के लिये पर्यटन विभाग 90 साल के लिये पट्टे पर जमीन देगा।

प्रदेश के पर्यटन मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि ‘टाटा संस’ कंपनी ने केन्द्र सरकार के जरिये एक प्रस्ताव राज्य को दिया था, जिसमें कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व कोष (सीएसआर फंड) से 650 करोड़ रुपए की लागत से अयोध्या में एक विश्व स्तरीय भारतीय मंदिर संग्रहालय के निर्माण की पेशकश की गई थी।

सिंह ने कहा कि इसके अलावा अन्य विकास कार्यों के लिए 100 करोड रुपए देने का प्रस्ताव किया गया था।

सिंह ने कहा कि इन प्रस्तावों को मंत्रिमंडल ने मंगलवार को मंजूरी दे दी।

उन्होंने कहा कि इस मंदिर संग्रहालय के निर्माण के लिये पर्यटन विभाग एक रुपये की लीज पर 90 साल के लिए जमीन उपलब्ध कराएगी।

भारतीय मंदिरों की समृद्ध स्थापत्य परंपराओं को प्रदर्शित करने के लिए अयोध्या में एक संग्रहालय बनाया जाएगा और इस परियोजना के लिए 25 एकड़ भूमि की पहचान कर ली गई है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राम मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों का शहर में लंबे समय तक ठहराव सुनिश्चित करने के लिए परियोजनाएं शुरू करने का सुझाव दिया था।

इस परियोजना के बारे में पिछले साल अक्टूबर में बात हुई थी। मोदी ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के वरिष्ठ पदाधिकारियों को यह सुझाव दिया था।

पर्यटन मंत्री ने मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये एक अन्य फैसले के बारे में बताया कि प्रदेश में विमान संपर्क बढ़ाने के मद्देनजर लखनऊ, प्रयागराज और कपिलवस्तु (सिद्धार्थ नगर) में निजी सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) के तहत हेलीपैड बनाकर हेलीकाप्टर सेवाएं चालू करने के प्रस्ताव पर भी मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी।

उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने पूरे प्रदेश में अनुप्रयुक्त धरोहर इमारतों को पीपीपी मोड पर पर्यटन इकाइयों के रूप में विकसित किए जाने का निर्णय लिया है, जिससे पर्यटन क्षेत्र के सेवा प्रदाताओं और आम लोगों को लाभ मिलेगा।

उन्होंने बताया कि इनमें से आज ऐसी तीन इमारतों कोठी रोशनुद्दौला (लखनऊ), बरसाना जल महल (मथुरा) और शुक्ला तालाब (कानपुर) को चुना गया है।

मंत्री ने बताया कि इनके लिये तकनीकी निविदा, तकनीकी प्रस्तुतीकरण एवं वित्तीय निविदा को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है।

सिंह ने बताया कि प्रदेश में पर्यटन की संभावनाओं के बेहतर इस्तेमाल के लिए पर्यटन नीति 2022 लागू की गयी थी।

उन्होंने बताया कि उसका लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिल सके, इसके लिए पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री ‘टूरिज्म फैलोशिप’ कार्यक्रम के तहत शोधार्थियों के चयन के लिए एक कार्यक्रम को मंत्रिपरिषद ने मंजूरी दी है।

भाषा सलीम जितेंद्र

जितेंद्र

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)