वाराणसी (उप्र), 21 जनवरी (भाषा) वाराणसी की एक अदालत ने एक गर्भवती महिला पर हमला करने और भूत-प्रेत की आशंका में उसके अजन्मे बच्चे की मौत के आरोप में चार व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। एक अधिवक्ता ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अधिवक्ता विकास सिंह ने बताया कि विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) अश्विनी कुमार की अदालत ने सोमवार को भेलूपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) को पीड़ित पूनम कुमारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया।
भेलूपुर के रानीपुर की निवासी पूनम कुमारी की याचिका उनके वकील विकास सिंह के माध्यम से भारतीय न्याय संहिता की धारा 175(3) के तहत प्रस्तुत की गई थी।
शिकायत के अनुसार, यह घटना दो सितंबर, 2024 की रात करीब साढ़े दस बजे हुई, जब पूनम ने अपने घर के बाहर गाली-गलौज और तोड़फोड़ की आवाजें सुनीं।
पूनम ने बाहर निकलकर देखा तो आरोपी गौतम बिंद, उसके भाई सरोज बिंद, हरि बिंद और राजा बिंद उनके पति के ई-रिक्शा के शीशे को तोड़ रहे थे। जब पूनम ने इसका विरोध किया, तो आरोपियों ने उन्हें और उनकी सास को ‘भूतही’ कहते हुए गालियां दीं और आरोप लगाया कि वे उनके परिवार पर भूत-प्रेत (जादू-टोना) कर रही हैं।
इसी दौरान गौतम बिंद छत पर चढ़ गया और वहां से ईंट उठाकर पूनम के पेट पर मारी। इस हमले से पूनम अचेत होकर जमीन पर गिर गईं और गंभीर चोट के कारण उनके दो महीने के गर्भस्थ शिशु का गर्भपात हो गया।
घटना के बाद शोर सुनकर आसपास के लोग मौके पर जुटे, लेकिन हमलावर धमकी देते हुए वहां से भाग निकले। पूनम को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस में शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई न होने पर पूनम ने अदालत की शरण ली।
विकास सिंह ने बताया कि अदालत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए भेलूपुर थाना प्रभारी को गौतम बिंद, सरोज बिंद, हरि बिंद और राजा बिंद के खिलाफ तत्काल प्राथमिकी दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
भाषा सं आनन्द मनीषा
मनीषा
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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