उप्र : अवैध धर्मांतरण मामले में उमर गौतम समेत 16 आरोपी दोषी करार |

उप्र : अवैध धर्मांतरण मामले में उमर गौतम समेत 16 आरोपी दोषी करार

उप्र : अवैध धर्मांतरण मामले में उमर गौतम समेत 16 आरोपी दोषी करार

:   Modified Date:  September 10, 2024 / 11:31 PM IST, Published Date : September 10, 2024/11:31 pm IST

लखनऊ, 10 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की विशेष अदालत ने अवैध रूप से धर्म परिवर्तन के मामले में आरोपी उमर गौतम और 15 अन्य लोगों को मंगलवार को दोषी करार दिया।

विशेष एटीएस अदालत ने सभी दोषियों को जेल भेज दिया है।

अभियोजन पक्ष ने बताया कि दोषियों को अदालत बुधवार को सजा सुनाएगी। विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने आरोपियों की सजा पर सुनवाई के लिए बुधवार की तारीख तय की है।

अदालत ने सभी आरोपियों को बुधवार को जेल से तलब करने का भी आदेश दिया।

इस मामले में मोहम्मद उमर गौतम के अलावा अन्य दोषी करार दिए गए आरोपियों में मौलाना कलीम सिद्दीकी, प्रकाश रामेश्वर कावड़े उर्फ आदम, कौशर आलम, भुप्रिय बन्दो उर्फ अर्सलान मुस्तफा, डॉ फराज बाबुल्लाह शाह, मुफ्ती काजी जहॉगीर आलम कासमी, इरफान शेख उर्फ इरफान खान, राहुल भोला उर्फ राहुल अहमद, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख, अब्दुल्ला उमर, मो. सलीम, कुणाल अशोक चौधरी, धीरज गोविंद राव जगताप व सरफराज अली जाफरी शामिल हैं।

एटीएस ने इन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार किया था।

गौरतलब है कि 20 जून 2021 को इस मामले में उपनिरीक्षक विनोद कुमार ने एटीएस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इन सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 417, 120 बी, 121ए, 123, 153ए, 153बी, 295ए और 298 के साथ ही उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 की धारा 3/5/8 के तहत आरोप लगाए गए थे।

विशेष लोक अभियोजक एम के सिंह ने बताया कि ये लोग साजिश के तहत धार्मिक उन्माद, वैमनस्य और नफरत फैलाकर देशभर में अवैध धर्मांतरण रैकेट चला रहे थे।

विशेष लोक अभियोजक के मुताबिक इनके अंतरराष्ट्रीय संबंध भी हैं। इसके लिए हवाला के जरिए विदेशों से पैसा भेजा जा रहा था। वे आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं और दिव्यांगों को लालच देकर और उन पर अनुचित दबाव बनाकर बड़े पैमाने पर उनका धर्म परिवर्तन करा रहे थे। वे मृत्यु के बाद दुनिया में नरक की आग जैसी अवधारणाओं का हवाला देकर एक विशेष धर्म के लोगों को डराते थे। उनका उद्देश्य देश में शरिया आधारित सरकार की व्यवस्था स्थापित करना था।

उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक, मोहम्मद उमर गौतम को मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी के साथ 20 जून 2021 को दिल्ली के जामिया नगर से गिरफ्तार किया गया था।

पुलिस ने बताया कि वे एक संगठन का संचालन कर रहे थे जो उत्तर प्रदेश में मूक- बधिर छात्रों और गरीब लोगों को इस्लाम में धर्मांतरित कराने में शामिल था और इसके लिए उन्हें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से धन मिलने का संदेह था।

उत्तर प्रदेश पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने तब बताया था कि लखनऊ के एटीएस थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उत्तर प्रदेश एटीएस ने ये गिरफ्तारियां की थीं।

मौजूदा पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार उस समय एटीएस के अपर पुलिस महानिदेशक का दायित्व संभाल रहे थे। उन्होंने बताया था कि उमर गौतम पहले हिंदू था लेकिन उसने मुस्लिम धर्म स्वीकार कर लिया और धर्मांतरण कराने में सक्रिय हो गया।

उन्होंने उमर के हवाले से बताया था कि उसने करीब एक हजार गैर मुस्लिम लोगों को इस्लाम में धर्मांतरित कराया और उनकी मुस्लिमों से शादी कराई है। यह अभियान जामिया नगर में स्थित इस्लामिक दावा सेंटर नामक संस्था के जरिये चलाया जा रहा था।

भाषा

सं, आनन्द, रवि कांत रवि कांत

 

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