उत्तर प्रदेश: ऑक्सीजन सिलेंडर फटने से एक ही परिवार के छह लोगों की मौत |

उत्तर प्रदेश: ऑक्सीजन सिलेंडर फटने से एक ही परिवार के छह लोगों की मौत

उत्तर प्रदेश: ऑक्सीजन सिलेंडर फटने से एक ही परिवार के छह लोगों की मौत

:   Modified Date:  October 22, 2024 / 05:12 PM IST, Published Date : October 22, 2024/5:12 pm IST

बुलंदशहर, 22 अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के एक मकान में ऑक्सीजन सिलेंडर फटने से एक ही परिवार के छह लोगों की मौत हो गयी। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

जिले की आशापुरी कॉलोनी में हुए इस हादसे में मारे गये लोगों के घर के बाहर मंगलवार को बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए और परिवार के रिश्तेदारों को सांत्वना दी।

सिकंदराबाद थाना क्षेत्र स्थित आशापुरी कॉलोनी में सोमवार रात एक मकान में रखे आक्सीजन सिलेंडर में अचानक विस्फोट हो गया।

विस्फोट इतना तेज था कि मकान की छत नीचे गिर गयी।

अधिकारियों के मुताबिक, इस हादसे में रियाजुद्दीन (50), उसकी पत्नी रुखसाना (45), बेटे आस मोहम्मद (26), सलमान (16), बेटी तमन्ना (24) और नातिन हिफ्जा (तीन) की मौत हो गयी।

जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि इस घटना में परिवार के दो-तीन अन्य लोग घायल हुए हैं जबकि घर में रहने वाले लगभग 10 अन्य लोग सुरक्षित हैं।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि रुखसाना नाम की महिला की तबीयत ठीक नहीं थी और उसे हाल ही में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

उन्होंने बताया कि बीमार महिला के घर लौटने पर उसके लिए एक ऑक्सीजन सिलेंडर रखा गया था, जिसमें विस्फोट हो गया।

मृतक रियाजुद्दीन के दामाद रिजवान ने बताया, “उसने (तमन्ना ने) मुझे दो दिन बाद घर वापस ले जाने के लिए कहा था। मैंने सोमवार शाम करीब पांच बजे उससे बात की थी। उसके बाद कोई बातचीत नहीं हुई।”

हादसे का शिकार हुए परिवार के पड़ोसियों ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से विस्फोट के बाद के हालात बयां किये।

पड़ोस में रहने वाले आसिफ ने बताया, “मैंने जोरदार धमाके की आवाज सुनी। जब मैं बाहर भागा तो देखा कि अफरा-तफरी मची हुई है। लोग मलबे में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं।”

हादसे से चंद लम्हे पहले नमाज अदा कर लौटे एक अन्य पड़ोसी ने भयावह मंजर को याद करते हुए कहा, “विस्फोट के कारण अचानक लाल चमक सी बनी, जिसकी थोड़ी देर बाद अंधेरा छा गया। हमने अंदर फंसे लोगों को बचाने की कोशिश की लेकिन धूल बहुत ज्यादा फैली थी। हमें अपने मोबाइल फोन की टॉर्च का इस्तेमाल करना पड़ा।”

भाषा सं. सलीम जितेंद्र

जितेंद्र

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)