लखनऊ, 15 जनवरी (भाषा) वर्ष 1992 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी और नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव को लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए 2023 के प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए चुना गया है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार उत्तर प्रदेश में जल जीवन मिशन परियोजनाओं में सौर ऊर्जा के अभूतपूर्व उपयोग के लिए उन्हें ‘नवाचार-राज्य’ श्रेणी में सम्मानित किया जा रहा है।
केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के सचिव वी श्रीनिवास ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को यह सम्मान दिया।
श्रीनिवास ने अपने आधिकारिक बयान में श्रीवास्तव के अनुकरणीय प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘मुझे राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के तहत सौर ऊर्जा संचालित जल योजनाओं की पहल के सफल कार्यान्वयन के लिए अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव को सम्मानित करते हुए बहुत गर्व हो रहा है, जिन्हें ‘नवाचार-राज्य’ श्रेणी के तहत लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार, 2023 से सम्मानित किया गया है।’
उन्होंने श्रीवास्तव के योगदान को स्वीकार करते हुए कहा, ‘इस श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हासिल करने के लिए श्रीवास्तव द्वारा की गई मूल्यवान प्रतिबद्धता और समर्पित प्रयास सराहनीय हैं।’
श्रीवास्तव 10 अप्रैल को नयी दिल्ली में एक समारोह के दौरान पुरस्कार प्राप्त करेंगे।
श्रीवास्तव के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को जल आपूर्ति प्रणालियों के साथ सौर ऊर्जा को एकीकृत करने में एक राष्ट्रीय पहचान मिली है।
राज्य की जल जीवन मिशन परियोजनाओं में से 80 प्रतिशत से अधिक – 41,539 में से 33,157 – सौर ऊर्जा से संचालित हैं, जो प्रतिदिन 900 मेगावाट बिजली पैदा करती हैं।
उप्र सरकार के बयान के अनुसार, इस नवाचार ने ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति लागत को काफी कम कर दिया है, परिचालन व्यय में 50 प्रतिशत से अधिक की कटौती की है, जबकि 30 वर्षों की अवधि में स्थिरता और न्यूनतम रखरखाव सुनिश्चित किया है।
श्रीवास्तव ने कहा कि सौर ऊर्जा क्षेत्र में की गयी इस पहल के दीर्घकालिक पर्यावरणीय लाभ भी हैं, जो वार्षिक कॉर्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को लगभग 13 लाख मीट्रिक टन कम करते हैं। इसके अतिरिक्त, इस पहल के माध्यम से अनुमानित एक लाख करोड़ रुपये की बचत होने का अनुमान है।
इस कार्यक्रम ने ग्रामीण क्षेत्रों में 12.50 लाख व्यक्तियों को सौर ऊर्जा संचालित जल प्रणालियों को संचालित करने और बनाए रखने, सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा देने और परियोजनाओं की सफलता सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक और एमटेक की डिग्री के साथ आईआईटी के एक पूर्व छात्र, श्रीवास्तव ने अपने 23 साल के करियर के दौरान कई प्रमुख पदों पर काम किया है, जिसमें 10 जिलों में जिलाधिकारी की भूमिका समेत मेरठ, अलीगढ़ और बस्ती में प्रशासनिक नेतृत्व शामिल है। बयान के अनुसार, उनकी केंद्रीय भूमिकाओं में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और आयुष मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में कार्यकाल शामिल हैं।
लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार प्रमुख राष्ट्रीय पहलों में असाधारण कार्य को मान्यता देता है।
भाषा
किशोर, जफर, रवि कांत रवि कांत
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