निजीकरण के विरोध में उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों की दो दिवसीय हड़ताल 28 मार्च से |

निजीकरण के विरोध में उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों की दो दिवसीय हड़ताल 28 मार्च से

निजीकरण के विरोध में उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों की दो दिवसीय हड़ताल 28 मार्च से

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 08:02 PM IST
,
Published Date: March 23, 2022 1:15 pm IST

लखनऊ, 23 मार्च (भाषा) केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरोध में देशभर के बिजली कर्मियों के साथ उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मी आगामी 28 और 29 मार्च को हड़ताल करेंगे।

नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लाईज एन्ड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) की बुधवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।

संगठन में शामिल ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने बताया कि आगामी 28 और 29 मार्च को देश भर के श्रम संगठनों के आह्वान पर देश के सभी राज्यों के तमाम बिजली कर्मचारी भी केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरोध में दो दिन की हड़ताल में हिस्सा लेंगे।

उन्होंने बताया कि बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की मुख्य मांगें हैं कि बिजली (संशोधन) विधेयक 2021 को वापस लिया जाए, सभी प्रकार के निजीकरण की प्रक्रिया बंद की जाए। साथ ही, केंद्र शासित प्रदेशों खासकर मुनाफा कमाने वाले चंडीगढ़, दादरा नगर हवेली दमन दिउ तथा पुडुचेरी में बिजली के निजीकरण का फैसला रद्द किया जाए और बिजली बोर्डों के विघटन के बाद नियुक्त किए गए सभी बिजली कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत लाया जाए।

दुबे ने बताया कि इसके अलावा बिजली कर्मियों की यह भी मांग है कि राज्यों में सभी बिजली कंपनियों का एकीकरण कर केरल के केएसईबी लिमिटेड और हिमाचल प्रदेश के एचपीएसईबी लिमिटेड की तरह एसईबी लिमिटेड गठित किया जाए, नियमित पदों पर नियमित भर्ती की जाए और सभी संविदा कर्मचारियों को तेलंगाना सरकार की तर्ज पर नियमित किया जाए।

भाषा सलीम सुरभि

सुरभि

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers