लखनऊ, 28 जनवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव का नाम लिए बिना तंज किया कि तुष्टिकरण की नीति पर चलने वाले लोग भी अब त्रिवेणी के महासंगम में डुबकी लगा रहे हैं।
एक मीडिया संस्थान द्वारा आयोजित ‘महाकुंभ समागम’ में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि उन्हें खुशी है कि जो लोग पहले भारत की आस्था को सम्मान नहीं देते थे, वोट बैंक के लिए तुष्टिकरण की नीति पर चलते थे, वे लोग भी अब प्रयागराज में त्रिवेणी के महासंगम में डुबकी लगा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘यह अच्छी बात है और प्रयागराज तो सबका है, आस्था सबकी है।’’
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार, 26 जनवरी को संगम में 11 बार आस्था की डुबकी लगाई थी।
विपक्षी दलों के लोगों के कुंभ स्नान के बारे में पूछने पर मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘सनातन पहले भी था, आज भी है और इसी प्रभावी ढंग से यह यात्रा आगे बढ़ेगी। इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए।”
आदित्यनाथ ने अपने मंत्रिपरिषद के सदस्यों के साथ कुंभ स्नान किया था। इसको लेकर विरोधियों के आरोपों पर उन्होंने कहा ”जाकी रही भावना, जैसी प्रभु मूरत देखि तिन तैसी।”
मुख्यमंत्री ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा ”देश दुनिया के कोटि कोटि श्रद्धालुओं द्वारा किये जा रहे पावन स्नान और सनातन में उनकी आस्था ने उन लोगों को भी पवित्र डुबकी लगाने के लिए बाध्य कर दिया जिनकी इसमें आस्था ही नहीं थी। ऐसे लोगों को यह सोच कर अपने पुरोधाओं की प्रतिमा स्थापित करने के लिए मजबूर होना पड़ा कि इस स्थान का महत्व है और इसको नजरअंदाज नहीं करना है।’’
संगम में सपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा स्थापित की है। अखिलेश यादव ने संगम स्नान के बाद अपने पिता की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया था।
मुख्यमंत्री यहां टाइम्स समूह के चैनल ‘नवभारत’ द्वारा आयोजित ‘महाकुंभ समागम’ में सवालों के जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा ”प्रयागराज में पिछले 15 दिनों में 16 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया। मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती की त्रिवेणी के संगम में अगले 30 दिनों तक आयोजन चलना है। मेरा अनुमान है कि संगम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दुनिया की तीसरी बड़ी आबादी होगी। इसमें केवल भारत की आस्था ही नहीं, संस्कृति के गौरव का दर्शन करने का अवसर भी प्राप्त होगा।”
भाषा आनन्द मनीषा
मनीषा
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)