लखनऊ की महिला ने एक घंटे से अधिक समय तक जलीय ध्यान मुद्रा का प्रदर्शन किया |

लखनऊ की महिला ने एक घंटे से अधिक समय तक जलीय ध्यान मुद्रा का प्रदर्शन किया

लखनऊ की महिला ने एक घंटे से अधिक समय तक जलीय ध्यान मुद्रा का प्रदर्शन किया

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Modified Date: December 21, 2024 / 09:57 PM IST
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Published Date: December 21, 2024 9:57 pm IST

लखनऊ, 21 दिसंबर (भाषा) विश्व ध्यान दिवस पर, लखनऊ की एक 57 वर्षीय महिला ने एक घंटे से अधिक समय तक पानी पर तैरते हुए एक ही योग मुद्रा का प्रदर्शन किया।

ध्यान और इसके लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित किया, जिसमें शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के उच्चतम प्राप्त करने योग्य मानक का आनंद लेने के लिए सभी के अधिकार को याद किया गया।

इसके अतिरिक्त, महासभा ने स्वास्थ्य और कल्याण के पूरक दृष्टिकोण के रूप में योग और ध्यान के बीच संबंध को स्वीकार किया।

योगासन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की मालविका बाजपेयी ने पीटीआई-भाषा को शनिवार को बताया कि रोमा हेमवानी ने एक घंटे, 24 मिनट और एक सेकंड तक ‘जलीय ध्यान मुद्रा’ रखने का एक नया रिकॉर्ड बनाया।

यह कार्यक्रम गोमती नगर के विभूति खंड क्षेत्र में हिल्टन गार्डन इन के छत पर बने स्विमिंग पूल में हुआ।

योग और ध्यान की शौकीन हेमवानी ने कहा कि इस रिकॉर्ड-सेटिंग उपलब्धि के साथ उनका प्राथमिक लक्ष्य जलीय ध्यान की प्राचीन प्रथा के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इसके शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य लाभों को उजागर करना है।

संयुक्त राष्ट्र ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित किया है ताकि इस बात पर जोर दिया जा सके कि कैसे ध्यान शारीरिक और समग्र कल्याण में योगदान देता है। यह तिथि शीतकालीन संक्रांति को चिह्नित करती है, जब दिन लंबे और रातें छोटी होने लगती हैं।

हेमवानी ने कहा कि भारतीय संस्कृति के अनुसार, शीतकालीन संक्रांति इस बात का प्रतीक है कि ध्यान के माध्यम से, व्यक्ति की आध्यात्मिकता और ऊर्जा का आंतरिक प्रकाश अंधकार की लंबी अवधि को दूर कर सकता है।

मालविका बाजपेयी ने कहा कि हेमवानी के रिकॉर्ड का विवरण जल्द ही योगासन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड काउंसिल की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। यह एक निजी संगठन है, जो योग के क्षेत्र में उपलब्धियों का रिकॉर्ड रखने के लिए समर्पित है और गाजियाबाद में पंजीकृत है।

भाषा किशोर आनन्द

रंजन

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