Performance of assistant teacher recruitment candidates

सरकार के गले की हड्डी न बन जाय शिक्षक भर्ती, पीछे हटने को तैयार नहीं, कहा साड्डा हक इत्थे रख….

UP Teacher Recruitment : शिक्षक अभ्यर्थियों ने देर रात बेसिक शिक्षा निदेशालय के बाहर टॉर्च जलाकर प्रदर्शन कर सरकार से की मांग।

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Modified Date: August 21, 2024 / 10:53 AM IST
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Published Date: August 21, 2024 10:53 am IST

लखनऊ : UP Assistant Teacher Recruitment Update 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती के मामले में रात होने के बाद अभी भी शिक्षा निदेशालय के बाहर अभ्यर्थी डटे हुए हैं। देर रात अभ्यर्थियों ने अपने मोबाइल की टॉर्च जलाकर सरकार से मांग कर रहे हैं कि अभी के अभी न्याय मिलें। क्योंकि उनको डर है कि ये भर्ती प्रक्रिया फिर से कहीं अधर में लटक न जाए।

उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नई लिस्ट बनाने का निर्देश दिये है। कोर्ट के इस फैसले के बाद शिक्षकों को अपनी नौकरी की चिंता सताने लगी है। उनको पता नहीं कि उनकी नौकरी बचेगी या जाएगी। वहीं शिक्षक अभ्यर्थियों ने देर रात लखनऊ में बेसिक शिक्षा निदेशालय के बाहर टॉर्च जलाकर प्रदर्शन करते हुए सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें तुरंत न्याय मिलना चाहिए क्योंकि डर है कि ये भर्ती प्रक्रिया फिर से अधर में न अटक जाए।

बता दें कि लखनऊ में बेसिक शिक्षा निदेशालय के बाहर राज्य के अलग-अलग जिलों से अभ्यर्थी पहुंचे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि लखनऊ हाईकोर्ट के डबल बेंच से जो फैसला आया है, सरकार उसे जल्द से जल्द लागू करें और आरक्षित वर्ग अभ्यर्थियों को न्याय देते हुए उनकी नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त करे। वो देर रात मोबाइल की लाइट जलाकर और बैनर-पोस्टर लिये सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आरक्षण में घोटाला हुआ है और अब वो बिना नियुक्ति पत्र के वहां से नही हटेंगे। सरकार उन्हें लिखित रूप से शेड्यूल जारी करे साथ ही यह बताए कि किस तारीख को काउंसलिंग होगी और किस तारीख को उन्हें नियुक्ति दी जाएगी।

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सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार को घेरा

UP Assistant Teacher Recruitment Update पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव ने प्रदर्शनकारियों के धरना-प्रदर्शन का वीडियो शेयर कर योगी सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती में नियुक्ति के लिए तीन घंटे में कम्प्यूटर पूरी लिस्ट तैयार कर सकता है। इसके लिए यूपी की भाजपा सरकार द्वारा 3 महीने का समय मांग रही है, वो संदिग्ध है। इससे अभ्यर्थियों में घोटालेवाली भाजपा सरकार के खिलाफ यह संदेह पैदा हो रहा है कि किसी के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले को ले जाकर आरक्षण विरोधी भाजपा सरकार इसे अपने बचे हुए कार्यकाल के लिए टालना तो नहीं चाहती है। भाजपा के लिए सबसे बड़ी संकट ही यही है कि उसका असली चेहरा जनता ने जान लिया है और अब जनता भाजपा की सूरत और सीरत भलीभांति पहचान ली है।

यूपी के शिक्षा मंत्री ने मामले में सीएम योगी को कराया अवगत

वहीं यूपी के शिक्षा मंत्री ने इस मामले में बताया कि 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में हाई कोर्ट का जो फैसला आया है, उसे सीएम योगी आदित्यनाथ को अवगत करा दिया गया है। सरकार किसी भी वर्ग के लोगों के भविष्य के साथ गलत नहीं होने दिया जाएगा। सरकार उनके भविष्य को सुरक्षित और सुनिश्चित करने के लिए काम अवश्य करेगी। जिसके बाद सीएम योगी ने इस मामले में ट्वीट कर कहा की यूपी सरकार स्पष्ट राय है कि संविधान द्वारा दिए गए आरक्षण की सुविधा का लाभ आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को मिलना चाहिए और किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। इसके लिए विभाग को जरूरी दिशा निर्देश दे दिए गए हैं।

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क्या था मामले पर पूरा विवाद, जानिए

UP Assistant Teacher Recruitment Update दरअसल 6 जनवरी 2019 को 69000 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा हुई थी। इस भर्ती के लिए अनारक्षित के लिए कटऑफ 67.11 प्रतिशत और OBC के लिए कटऑफ 66.73 प्रतिशत था। इस भर्ती में करीब 68 हजार लोगों को नियुक्ति मिली, लेकिन सवाल यहीं से उठा कि 69 हजार भर्ती में आरक्षण नियमों की अनदेखी की गई और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 का पालन ठीक ने नहीं किया गया। विरोध प्रदर्शन में उतरे अभ्यर्थियों का कहना था कि नियमावली में स्पष्ट है कि कोई OBC वर्ग का अभ्यर्थी अगर अनारक्षित श्रेणी के कटऑफ से अधिक नंबर लाता है तो उसे OBC कोटे से नहीं बल्कि अनारक्षित श्रेणी से नौकरी मिलेगी अर्थात उसका आरक्षण के दायरे में गिनती नहीं होगी। अभ्यर्थियों यह भी दावा किया कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में OBC को 27 प्रतिशत की जगह केवल 3.86 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिला यानी OBC वर्ग को 18,598 सीट में से केवल 2,637 सीट मिली, जबकि उस समय सरकार का कहना था कि करीब 31 हजार OBC वर्ग के लोगों को नियुक्ति दी गई।

सरकार के इस बयान को लेकर अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा नियमावली-1981 का तथा आरक्षण नियमावली 1994 का हवाला देते हुए कहा कि OBC वर्ग के जिन 31 हजार लोगों को नियुक्ति दी गई है, उसमें से करीब 29000 अनारक्षित कोटे से सीट पाने के हकदार थे। प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि 29 हजार OBC वर्ग के लोगों को आरक्षण के दायरे में जोड़ना गलत है। उनका आरोप है कि 69000 शिक्षक भर्ती में से SC वर्ग को भी 21 प्रतिशत की जगह केवल 16.6 प्रतिशत आरक्षण मिला। उन्होंने दावा किया कि 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में करीब 19 हजार सीटों का घोटाला हुआ। जिनको लेकर वह हाईकोर्ट भी गए और राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग में भी शिकायत की।

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