हमीरपुर (हिप्र), 28 जून (भाषा) हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री के उन मित्रों की मदद करने के फैसले को उचित ठहराया, जिन्होंने संकट के समय उनका साथ दिया था।
चौहान ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ”भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बार-बार ‘मित्रों की सरकार’ की बात कर रही है। क्या दुश्मनों को सरकार में जगह मिलनी चाहिए?”
भाजपा नेता मुख्यमंत्री सुक्खू पर अपने मित्रों को लाभ (कैबिनेट में स्थान और पद) देने का आरोप लगाते रहे हैं और कांग्रेस सरकार को ‘मित्रों की सरकार’ का नाम करार दिया।
चौहान ने सवाल किया कि मित्रों को लाभ देने में क्या गलत है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने सरकार में मित्रों को लाभ दिया और भविष्य में भी लाभ देते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार ने 15 महीने पहले जब कार्यभार संभाला था, तो राज्य पर 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज था, लेकिन इसके बावजूद राज्य में विकास कार्य तेजी से चल रहा है।
चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पिछले साल मानसून आपदा के दौरान अच्छा काम किया था, जिसके बाद भाजपा ने इस साल ‘ऑपरेशन लोटस’ (राज्य में कांग्रेस सरकार को गिराने का प्रयास) शुरू किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के ‘महत्वाकांक्षी लोग’ भी भाजपा के ‘ऑपरेशन लोटस’ में शामिल थे। उन्होंने पिछले दरवाजे से सत्ता में आने की कोशिश की। उपचुनाव में छह में से चार विधायक विधानसभा में वापस नहीं लौटे। उन्होंने कहा कि अब फिर से तीन निर्दलीयों के कारण उपचुनाव हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि तीनों पूर्व निर्दलीय विधायक अरबपति हैं, वे पैसे के बल पर राजनीति में आए हैं, लेकिन उपचुनाव में उनकी हार होगी।
हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 27 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 38 विधायक हैं।
चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर को बताना चाहिए कि वह कौन सा नंबर का खेल खेल रहे हैं।
भाषा प्रीति दिलीप
दिलीप
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