वाराणसी/लखनऊ, 14 अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के नाटी इमली इलाके में प्रसिद्ध भरत मिलाप मेले के दौरान रविवार को अचानक भगदड़ जैसी स्थिति पैदा होने से कई लोग घायल हो गए।
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रमुख अजय राय ने इस ऐतिहासिक आयोजन के प्रबंधन को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की सोमवार को आलोचना की।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यादव बंधुओं को पुलिस ने श्रीराम के पुष्पक विमान के साथ आगे बढ़ने से रोक दिया, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच बहस शुरू हो गई।
उन्होंने बताया कि बहस के दौरान सोशल मीडिया पर मेले में पुलिस बल द्वारा लाठीचार्ज किए जाने की अफवाह फैल गई, जिसके बाद मेले में भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई।
घटना को लेकर वाराणसी कमिश्नरेट ने नाटी इमली चौकी प्रभारी अशोक कुमार सिंह को देर शाम निलंबित कर दिया।
काशी जोन के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) गौरव बंसवाल ने बताया, “नाटी इमली भरत मिलाप में रथ यादव बंधु ले जाते हैं। इस दौरान प्रवेश द्वार पर रथ के आगे कुछ महिलाएं और बच्चे आ गए, जिनके भीड़ में दबने की आशंका थी। इसके मद्देनजर मौके पर मौजूद पुलिस बल ने भीड़ को पीछे खदेड़ा। सोशल मीडिया पर प्रसारित लाठीचार्ज की खबर झूठी है।”
बंसवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “प्रशासन ने कोई लाठीचार्ज नहीं किया।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हुई इस घटना पर तंज कसते हुए अखिलेश ने ‘एक्स’ पर कहा, “देश के मुख्य संसदीय क्षेत्र में सामाजिक सौहार्द की परंपरा को खंडित करने का प्रयास भाजपा सरकार की संकीर्ण राजनीति का प्रतीक है। वाराणसी में मची भगदड़ भाजपाइयों की बदइंतजामी का प्रमाण है, जो नहीं चाहते हैं कि भाईचारे के ऐसे आयोजन सफल हों।”
उन्होंने कहा, “बनारस में ‘नाटी इमली के भरत मिलाप’ की 480 साल से चली आ रही परंपरा में यदुकुल के कंधे पर ही रघुकुल का मिलन होता आ रहा है। सूर्यवंशी-चंद्रवंशी के आपसी प्रेम-स्नेह के बीच कमलवंशी लोग सियासी दरार पैदा कर रहे हैं।”
अखिलेश ने आरोप लगाया, “गोरखधंधे में व्यस्त उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार को जहां अवरोधक लगाने चाहिए, वहां लगाती नहीं और जहां नहीं लगाने चाहिए, वहां लगाती है। कहां लगाती है यह बताने की जरूरत नहीं, जनता बहुत समझदार है।”
वहीं, अजय राय ने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा, “यह 481 साल पुरानी परंपरा है। मैं पिछले 30-32 वर्षों से इस आयोजन को देख रहा हूं। पहली बार पुलिस ने भरत मिलाप कार्यक्रम में भीड़ पर लाठीचार्ज किया है। वे (भाजपा सरकार) राम की बात करते हैं, लेकिन राम भक्तों पर लाठीचार्ज करवाते हैं।”
भाषा
सं आनन्द पारुल
पारुल
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