हाथरस जैसी घटनाओं को रोकने के लिए उप्र में बड़ी सभाओं के लिए एसओपी बनाई जायेगी: मंत्री |

हाथरस जैसी घटनाओं को रोकने के लिए उप्र में बड़ी सभाओं के लिए एसओपी बनाई जायेगी: मंत्री

हाथरस जैसी घटनाओं को रोकने के लिए उप्र में बड़ी सभाओं के लिए एसओपी बनाई जायेगी: मंत्री

:   Modified Date:  July 4, 2024 / 12:50 AM IST, Published Date : July 4, 2024/12:50 am IST

(किशोर द्विवेदी)

हाथरस (उप्र), तीन जुलाई (भाषा) हाथरस में भगदड़ में 121 लोगों की मौत के एक दिन बाद, उत्तर प्रदेश के मंत्री असीम अरुण ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बड़ी सभाओं की अनुमति देने के लिए एसओपी पर काम करना शुरू कर दिया है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने के निर्देश दिए हैं और कार्यक्रमों की अनुमति तभी दी जाएगी जब सुविधाओं के लिए ‘‘बुनियादी, न्यूनतम’’ शर्तें पूरी होंगी।

सामाजिक कल्याण राज्य मंत्री अरुण, भगदड़ के बाद राहत उपायों की निगरानी के लिए आदित्यनाथ द्वारा गठित तीन मंत्रियों की समिति का हिस्सा हैं।

इस त्रासदी के घटित होने के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि अंदर व्यवस्था संभाल रहे सेवादारों ने भीड़ प्रबंधन के मामले में कुछ गलती की और यह एक और सबक है।’’

मंत्री ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि मुख्यमंत्री ने फैसला किया है कि राज्य में अब ऐसी किसी भी सभा के लिए अधिक विस्तृत एसओपी होगी, चाहे सभा में 1,000 लोग शामिल हों या एक लाख लोग।

अरुण ने कहा, ‘‘बात सिर्फ इतनी ही नहीं है, नागरिक सुविधाओं के बारे में भी है, जैसे कि 80,000 लोगों के लिए कितने शौचालयों की आवश्यकता है या कितने पानी के टैंकर होने चाहिए और कितने निकासी द्वार होने चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, उन्होंने (मुख्यमंत्री ने) हमें एक विस्तृत एसओपी बनाने का निर्देश दिया है और भविष्य में सभी अनुमति केवल तभी दी जाएंगी जब इन सुविधाओं का ध्यान या तो आयोजकों द्वारा या किसी सरकारी एजेंसी द्वारा रखा जाएगा।’’

मंगलवार के सत्संग के आयोजकों की ओर से की गई लापरवाही को लेकर मंत्री ने कहा कि इसमें काफी लापरवाही थी।

उन्होंने कहा, ‘‘पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी और इसलिए बड़ी संख्या में बस राष्ट्रीय राजमार्ग पर खड़ी थीं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इसके पीछे कई कारक जिम्मेदार हैं। हमें अपनी प्रक्रियाओं में सुधार करना होगा।’’

भाषा

देवेंद्र धीरज

धीरज

 

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