हाथरस, 28 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के एक गांव से 30 साल पहले लापता हुए एक व्यक्ति का शव हाल में ही उसके घर से बरामद किया गया है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस के मुताबिक कंकाल मिलने से मृतक के सबसे छोटे बेटे का यह दावा सही साबित हुआ कि उसके पिता की हत्या उसके दो बड़े भाइयों ने की थी, जिन्हें बाद में घर में दफना दिया गया था।
यह चौंकाने वाला खुलासा तब हुआ जब मृतक के सबसे छोटे बेटे पंजाबी सिंह ने अपने दो बड़े भाइयों प्रदीप कुमार और मुकेश कुमार पर अपने पिता की हत्या करने तथा शव को पैतृक घर में दफनाने का आरोप लगाया।
पुलिस ने कंकाल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है तथा भाइयों, उनकी मां और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी कर रही है।
पुलिस के मुताबिक गिलौंडपुर गांव के निवासी पंजाबी सिंह (39) ने अपने बचपन की एक दर्दनाक घटना को याद किया।
उन्होंने याद किया कि लापता होने से एक रात पहले उनके भाइयों ने उनके पिता के साथ बहस की थी।
पंजाबी सिंह ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा,’मैं जब छोटा था तो अपने पिता के साथ सोता था। मुझे अभी भी याद है कि एक रात मेरे दो बड़े भाई जो उस समय बीस साल के थे, एक दूसरे व्यक्ति के साथ मेरे पास आए और मुझे दूसरे कमरे में सोने के लिए कहा।’
इस घटना के समय नौ साल के पंजाबी सिंह ने याद करते हुए कहा, ‘मैं उस रात सो नहीं सका। इसलिए मैंने बाहर जाकर देखने का फैसला किया। तभी मैंने अपने भाइयों को एक कमरे में अपने पिता से लड़ते हुए सुना। मैं डर गया और एक कोने में छिप गया।’
सिंह ने बताया कि अगले दिन, उसे घर के बरामदे में एक नया खोदा गया गढ्ढा दिखा।
उन्होंने कहा,”अगली बात जो मुझे याद है वह घर के बरामदे में खोदी गई एक गहरी खाई रूपी गड्ढा है जो मुझे अगले दिन स्कूल से लौटने के बाद मिली।’
उसने याद किया, ‘जब मैंने अपनी मां से पूछा तो उन्होंने मुझे बताया कि पिता कहीं चले गए हैं।’
आंशिक रूप से डरे हुए और आंशिक रूप से जीवन की बुराइयों से अनजान, अपने संदेह के बावजूद, सिंह ने इस घटना को लगभग एक दशक तक अपने तक ही सीमित रखा। पंजाबी सिंह ने इस घटना को लगभग एक दशक तक अपने तक ही सीमित रखा।
उन्होंने कहा, ‘मैंने सबसे पहले अपने बड़े भाई को घटना के बारे में बताया। उनसे बात करने पर मेरे बड़े भाइयों के हाथों मेरे पिता की हत्या के बारे में मेरा संदेह दूर हो गया।’
उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने आठ साल बाद पुलिस से संपर्क किया, लेकिन तत्कालीन थाने के प्रभारी ने इसे संपत्ति विवाद बताकर जांच बंद कर दी।
सिंह ने कहा, ‘इस बार हमने अपनी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से करने का फैसला किया, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस कार्रवाई हुई।’
अपने भाई बस्ती राम के सहयोग से सिंह ने करीब दो महीने पहले जिला प्रशासन से संपर्क किया और अपने पिता की हत्या का आरोप लगाया। बृहस्पतिवार को फॉरेंसिक विशेषज्ञों के साथ पुलिस की एक टीम ने पैतृक घर के बरामदे की खुदाई की और कंकाल के अवशेष बरामद किए।
पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) हिमांशु माथुर ने शनिवार को कहा, ‘कंकाल के अवशेषों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। हम अदालत के निर्देश पर डीएनए जांच भी कराएंगे। स्थानीय पुलिस थाने में भी मामले में आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया में है।’
भाषा
चंदन, जफर, रवि कांत रवि कांत
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