उच्चतम न्यायालय के आदेश से “बुलडोजर का आतंक” खत्म होगा : विपक्षी नेता |

उच्चतम न्यायालय के आदेश से “बुलडोजर का आतंक” खत्म होगा : विपक्षी नेता

उच्चतम न्यायालय के आदेश से “बुलडोजर का आतंक” खत्म होगा : विपक्षी नेता

:   Modified Date:  November 13, 2024 / 05:35 PM IST, Published Date : November 13, 2024/5:35 pm IST

लखनऊ, 13 नवंबर (भाषा) बुलडोजर की कार्रवाई पर उच्चतम न्यायालय की रोक के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने उम्मीद जताई कि अब निश्चित रूप से “बुलडोजर का आतंक” खत्म होगा, जबकि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि इस आदेश से प्रदेश में जंगल राज खत्म होगा।

समाजवादी पार्टी ने भी उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि बुलडोजर की कार्रवाई पूरी तरह अन्यायपूर्ण, अनुचित, गैर संवैधानिक और अवैध थी।

कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने भी उच्चतम न्यायालय के आदेश का स्वागत किया। राजभर ने कहा, “अदालत के आदेश का अनुपालन किया जाएगा। यदि कोई भी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”

मायावती ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, “माननीय उच्चतम न्यायालय के बुलडोजर विध्वंसों से जुड़े आज के फैसले एवं इसके संबंध में कड़े दिशानिर्देशों के बाद यह उम्मीद की जानी चाहिए कि उत्तर प्रदेश और अन्य राज्य सरकारें जनहित एवं जनकल्याण का सही एवं सुचारू रूप से प्रबंधन करेंगी और बुलडोजर का आतंक अब जरूर समाप्त होगा।”

प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख अजय राय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “हम उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं। उम्मीद है कि इस निर्णय से उत्तर प्रदेश में जंगलराज का अंत होगा।”

समाजवादी पार्टी के मीडिया प्रकोष्ठ ने सोशल मीडिया पर कहा कि उच्चतम न्यायालय ने बुलडोजर की कार्रवाई पर बहुत सख्त टिप्पणी की है और सरकारों एवं उनके अधिकारियों को फटकार लगाई है।

समाजवादी पार्टी ने ‘एक्स’ पर लिखा, “बुलडोजर की कार्रवाई पूरी तरह से अन्यायपूर्ण, अनुचित, गैर संवैधानिक और अवैध है। भाजपा सरकारों को कानून एवं व्यवस्था के नाम पर अन्याय करना बंद करना चाहिए। बुलडोजर न केवल एक व्यक्ति को, बल्कि पूरे परिवार को सड़कों पर ला देता है और आम आदमी भी बलि का बकरा बन जाता है।”

उप्र में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा, “सरकार कभी किसी की निजी संपत्ति को ध्वस्त नहीं करती। बुलडोजर सरकारी संपत्तियों पर अवैध कब्जे पर चलता है। यह (बुलडोजर चलाने का) उच्च न्यायालय का निर्णय था, हम खुद से यह नहीं करते।”

उन्होंने कहा, “भले ही गरीब लोग अतिक्रमण की गई जमीन पर बसे हों, हम उन्हें वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराए जाने तक नहीं हटाते। विपक्ष हो हल्ला मचाता है। अवैध रूप से कब्जा करने वाले लोगों से जमीन खाली कराई जाती है और किसी की निजी संपत्ति पर कार्रवाई नहीं की जाती।”

अदालत की तल्ख टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर राजभर ने कहा कि जो मकान ढहाए गए, वे निजी संपत्तियों पर नहीं बने थे, बल्कि रेलवे, वन विभाग आदि की जमीन पर बने थे।

भाषा

किशोर, राजेंद्र, रवि कांत रवि कांत

 

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