Acharya Pramod News: आचार्य प्रमोद लड़ेंगे BJP की टिकट से चुनाव?.. यहां से उम्मीदवार बनाये जानें के कयास.. इस दिन तस्वीर हो सकती हैं साफ़ | Acharya Pramod will join BJP?

Acharya Pramod News: आचार्य प्रमोद लड़ेंगे BJP की टिकट से चुनाव?.. यहां से उम्मीदवार बनाये जानें के कयास.. इस दिन तस्वीर हो सकती हैं साफ़

Edited By :   Modified Date:  February 12, 2024 / 10:33 AM IST, Published Date : February 12, 2024/10:33 am IST

संभल: कांग्रेस के पूर्व नेता और आध्यात्मिक गुरु आचार्य प्रमोद कृष्णम अब पार्टी में नहीं रहे। शनिवार देर रात पार्टी महासचिव किसी वेणुगोपाल की तरफ से जारी एक आदेश में बताया गया कि आचार्य प्रमोद को पार्टी विरोधी गतिविधि और अनुशासनहीनता के चलते 6 सालों के लिए निष्काषित कर दिया गया हैं। आचार्य प्रमोद कृष्णम बीते एक साल से अलग-थलग पड़ चुके थे। धारा 370, तीन तलाक, नए संसद के उदघाटन, इंडिया गठबंधन और राम मंदिर जैसे विषयों पर वह पार्टी से इतर राय रख रहे थे। कभी प्रियंका गांधी के पॉलिटिकल एडवाइजर रहे प्रमोद कृष्णम परोक्ष तौर पर राहुल गांधी और प्रत्यक्ष रूप से अशोक गहलोत समेत कई दूसरे नेताओं पर अक्सर बयानबाजी करते रहे है।

संभवतः इन्ही गतिविधियों को देखते हुए पार्टी ने उनसे किनारा कर लिया। इसके अलावा वह सनातन और हिंदुत्व से जुड़े मामलों पर भाजपा के पक्ष में भी दिखाई देते थे। वह टीवी डिबेट, मीडिया इंटरव्यू और सार्वजानिक मंचो पर प्रधानमंत्री मोदी की खुली प्रशंसा भी करते थे। ऐसे में कांग्रेस के लिए उनके बयान असहज स्थिति पैदा कर रहे थे, और यही वजह रही कि उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

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अपनी निष्कासन के बाद आचार्य प्रमोद ने रविवार दोपहर एक प्रेस कांफ्रेंस किया और कांग्रेस आलाकमान पर कई गंभीर सवाल दागे। आचार्य प्रमोद ने कहा कि वह रामभक्त हैं और श्रीराम को 14 सालों का वनवास हुआ था। इसलिए उन्हें 6 नहीं बल्कि 14 सालों के लिए निष्काषित किया जाएं। पीसी में उन्होंने राहुल गांधी की काबिलियत पर भी सवाल उठायें और आरोप लगाया कि वह दिग्गजों का सम्मान करना नहीं जानते। खुद को इंदिरा और राजीव गांधी के दौर का नेता बताते हुए आचार्य प्रमोद ने बताया कि उन्होंने आखिरी सांस तक कांग्रेस में रहने का संकल्प लिया था और उनका यह संकल्प पूरा भी हुआ। उन्होंने खुलासा किया कि राजीव गांधी का साथ देने का संकल्प उनके लिए बाधा पैदा कर रहा था इसलिए अपने ऊपर हो रहे हमले के बावजूद वह पार्टी में रहे।

इस बीच उन्होंने एक महत्वपूर्ण बात भी कही। आचार्य प्रमोद ने कहा कि वह इस बात का संकल्प लेते हैं कि अब वह प्रधानमंत्री मोदी का साथ कभी नहीं छोड़ेंगे। इससे पहले उन्होंने पीएम को दिव्य पुरुष और यहाँ तक की अवतार भी बता दिया था। आचार्य के इन बयानों से अब कयास लगाए जा रहे हैं कि वह जल्द ही भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं। ऐसे में सवाल उठने लगा हैं कि क्या आचार्य प्रमोद का भाजपा चुनावी इस्तेमाल करेगी? क्या उन्हें लोकसभा का टिकट दिया जाएगा? बता दें कि आचार्य प्रमोद ने 2014 में संभल जबकि 2019 में लखनऊ से कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था। दोनों ही बार उनकी जमानत जब्त हो गई थी। वह इस बार भी उम्मीदवारों के कतार में थे लेकिन इण्डिया गठबंधन के गणित के मुताबिक़ सपा ने संभल से संयुक्त प्रत्याशी का ऐलान कर दिया हैं तो क्या अब संभल लोकसभा सीट से भाजपा आचार्य प्रमोद पर दांव खेलेगी?

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बहरहाल यह सभी चीजे अभी भविष्य के गर्भ में हैं। हालांकि इसी महीने के 19 तारीख को संभल में कल्कि धाम का लोकार्पण भी किया जाना हैं। आचार्य प्रमोद यहाँ के पीठाधीश्वर हैं जबकि इस नए धाम का लोकार्पण वह प्रधानमंत्री मोदी के हाथों संपन्न करा रहे हैं। PMO ने इस कार्यक्रम में शामिल होने की बात स्वीकारी हैं। इस दिन उनके साथ प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ और आलाकमान के बड़े पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। ऐसे में आचार्य के सियासी भविष्य से पर्दा संभवतः इस दिन ही उठ जाएगा। देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा अगर आचार्य प्रमोद को अपने पाले में लेती हैं तो उनका किस तरह से चुनावी लाभ लिया जाएगा।

 

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