लखनऊ/कन्नौज, 26 मार्च (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भ्रष्टाचार के मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी अभिषेक प्रकाश के निलंबन को लेकर बुधवार को उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा।
यादव ने कन्नौज में जारी महायज्ञ में भाग लेने के बाद संवाददाताओं से कहा, “इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस को एक आईएएस अधिकारी की तलाश करनी पड़ रही है।”
इस टिप्पणी का संदर्भ वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश से है, जिन्हें पिछले सप्ताह भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित कर दिया गया था।
राज्य सरकार के एक बयान के मुताबिक, मामले में कथित रूप से शामिल एक बिचौलिए निकंत जैन को गिरफ्तार कर लिया गया है।
लखनऊ के रहने वाले 40 वर्षीय जैन को प्राथमिकी दर्ज होने के बाद गोमती नगर में हिरासत में लिया गया।
जैन पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 308(5) (जबरन वसूली) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 12 और 13 के तहत आरोप हैं।
वर्ष 2006 बैच के आईएएस अधिकारी प्रकाश को सौर उद्योग के एक निवेशक द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद निलंबित कर दिया गया था।
शिकायत में जैन पर प्रकाश के नाम से परियोजनाओं के लिए मंजूरी देने के लिए कमीशन मांगने का आरोप लगाया गया था।
निवेशक ने आरोप लगाया कि जैन ने अधिकार प्राप्त समिति और राज्य मंत्रिमंडल से मंजूरी में तेजी लाने के लिए पांच प्रतिशत रिश्वत मांगी थी।
हालांकि प्राथमिकी में प्रकाश का नाम स्पष्ट रूप से नहीं बताया गया लेकिन उनकी भूमिका जांच के दायरे में आई है, जिसकी वजह से उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने प्रकाश की भागीदारी की जांच किये जाने की पुष्टि की है।
अभिषेक प्रकाश ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया था और कोविड-19 महामारी (2019-2022) के दौरान लखनऊ सहित कई जिलों में जिलाधिकारी का पद संभाला।
उन्होंने स्वास्थ्य और गृह विभागों में विशेष सचिव के रूप में भी काम किया है। भाषा सलीम पारुल जितेंद्र
जितेंद्र
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