कांवड़ यात्रा और मुहर्रम के दौरान धार्मिक आस्था का सम्मान करें:आदित्यनाथ |

कांवड़ यात्रा और मुहर्रम के दौरान धार्मिक आस्था का सम्मान करें:आदित्यनाथ

कांवड़ यात्रा और मुहर्रम के दौरान धार्मिक आस्था का सम्मान करें:आदित्यनाथ

:   Modified Date:  June 30, 2024 / 11:28 PM IST, Published Date : June 30, 2024/11:28 pm IST

लखनऊ, 30 जून (भाषा)उत्तर प्रदेश सरकार ने 22 जुलाई से शुरू होने वाले श्रावण मास के दौरान कांवड़ यात्रा के मार्ग पर खुले में मांस की बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगाने का फैसला रविवार को किया।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार आगामी त्योहारों के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानून-व्यवस्था और इन त्योहारों के सफल आयोजन से संबंधित तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने शरारती और उपद्रवी तत्वों से सख्ती से निपटने और कांवड़ यात्रा की ड्रोन से भी निगरानी करने के निर्देश दिये।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री ने आगामी कांवड़ यात्रा, मुहर्रम तथा अन्य त्योहारों के मद्देनजर पुलिस आयुक्तों, मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक करके कानून व्यवस्था और महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के सफल आयोजन के संबंध में की जा रही तैयारियों की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने कहा, ”कांवड़ यात्रा आस्था का आयोजन है। परम्परागत रूप से नृत्य, गीत, संगीत इसका अंग रहे हैं। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि डीजे, गीत-संगीत आदि की ध्वनि निर्धारित मानकों के अनुरूप हो। डीजे की ऊंचाई एक निश्चित सीमा से अधिक न हो।’’

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करते हुए कांवड़ यात्रा मार्ग पर कहीं भी खुलेआम मांस आदि की खरीद-फरोख्त न हो। यात्रा मार्ग पर साफ-सफाई रखी जाए।

शरारती तत्वों पर नजर रखने के निर्देश देते हुए आदित्यनाथ ने कहा, ”शरारती तत्व दूसरे समुदाय के लोगों को अनावश्यक रूप से भड़काने का दुर्भावनापूर्ण प्रयास कर सकते हैं। ऐसे मामलों पर नजर रखी जाए। हमें हर समय सतर्क रहना होगा, ताकि कोई भी सुरक्षा में सेंध न लगा सके। कांवड़ शिविर लगाने वालों का सत्यापन किया जाए, उपद्रवी तत्वों से सख्ती से निपटा जाए और ड्रोन से भी निगरानी की जाए।’’

आदित्यनाथ ने कहा कि स्थानीय प्रशासन मुहर्रम के दौरान निकाले जाने वाले ताजिए से जुड़ी समितियों और शांति समितियों से संवाद और समन्वय स्थापित करे। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष कुछ स्थानों पर दुर्घटनाएं हुई थीं और उनसे सीख लेते हुए इस वर्ष सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जानी चाहिए साथ ही ताजिए की ऊंचाई परंपरा के अनुसार होनी चाहिए।

भाषा सलीम शोभना

शोभना

 

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