(संजय कुमार सिन्हा)
हमीरपुर (उप्र), 16 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश में बुंदेलखण्ड के हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र में क्षेत्रीय सांसद और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मौजूदा उम्मीदवार पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को लेकर लोगों में नाराजगी है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर उनके दिलों में नरमी का भाव इस सीट पर भाजपा की सम्भावनाओं को जीवंत बनाये हुए है।
चंदेल हमीरपुर सीट से जीत की हैट्रिक लगाने की कोशिश कर रहे है। इस सीट पर पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होगा।
समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस सीट पर अजेन्द्र लोधी को उम्मीदवार बनाया है जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने निर्दोष दीक्षित को टिकट दिया है।
हमीरपुर के बाशिंदे देवेन्द्र मोहन चौबे ने कहा कि सांसद चंदेल बिरले ही क्षेत्र में नजर आते हैं एवं वह लोगों से कभी-कभार ही मिलते हैं।
मवई गांव के पुष्पेंद्र राम के मुताबिक चंदेल बहुत मुश्किल से ही उनकी समस्याएं सुनते और उन्हें हल करते हैं।
इसी गांव के रहने वाले बाबू राम कुशवाहा कहते हैं कि न तो सांसद और न ही उनके कर्मी उनकी समस्याओं को सुनते हैं।
इतनी समस्याओं के बावजूद वे तीनों मौजूदा सांसद और भाजपा प्रत्याशी चंदेल को ही वोट देने की बात कहते हैं।
वे कहते हैं, ”चंदेल (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी जी और योगी जी (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) के प्रतिनिधि हैं तो जिताना पड़ेगा।”
हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र तीन जिलों हमीरपुर, महोबा और बांदा तक फैला हुआ है। यहां अनुसूचित जातियों की आबादी 22 प्रतिशत से ज्यादा है। इसके अलावा राजपूत, लोधी, दलित, ब्राह्मण और मुस्लिम मतदाताओं की भी खासी तादाद है।
हालांकि चुनावी फिजा को लेकर लोगों के अपने-अपने दावे हैं। हमीरपुर के रहने वाले महेंद्र मोहन चौबे के मुताबिक इस बार चुनाव में मतदाता जाति के आधार पर मतदान करेंगे।
चंदेल ने 2014 में सपा के विशम्भर प्रसाद निषाद को और 2019 में बसपा के दिलीप कुमार सिंह को हराया था।
कई लोगों का यह भी कहना है कि उत्तर प्रदेश में पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार के कार्यकाल ( 2012—2017) के मुकाबले भाजपा के राज में चीजें बेहतर हुई हैं।
राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि सपा के शासनकाल में गुंडे और माफिया की वजह से जीवन असुरक्षित था लेकिन अब ऐसा कोई डर नहीं है।
सपा के उम्मीदवार लोधी ने दावा किया कि नरेन्द्र मोदी अपना आकर्षण खो चुके हैं और अब हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र की जनता एक ऐसे व्यक्ति को अपना प्रतिनिधि बनाना चाहती है जो उनकी समस्याओं को सुनने के लिये हर वक्त उपलब्ध रहे।
बसपा उम्मीदवार निर्दोष दीक्षित ने कहा कि कोई उन्हें ‘वोट कटवा’ कहकर खारिज ना करे क्योंकि उन्हें विश्वास है कि जनता बसपा प्रमुख पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के ‘ट्रैक रिकॉर्ड’ को जानती है और बसपा को ही वोट देगी।
भाषा सलीम
राजकुमार
राजकुमार
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