‘कांग्रेस का हाथ’ छोड़ ‘सपा की साइकिल’ में सवार होंगे राज बब्बर? क्या हैं गुलाम नबी की तारीफ के मायने..जानें

कहा जाता है सियासत में कुछ भी संभव है। चुनावी मौसम में एक नहीं कई बार यह साबित भी हो चुका है। नेताओं के दल बदली के बीच अब एक नया फिल्मी ट्विस्ट सामने आया है।

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  • Publish Date - January 27, 2022 / 04:49 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:08 PM IST

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लखनऊ/नई दिल्ली: कहा जाता है सियासत में कुछ भी संभव है। चुनावी मौसम में एक नहीं कई बार यह साबित भी हो चुका है। नेताओं के दल बदली के बीच अब एक नया फिल्मी ट्विस्ट सामने आया है। इसके मुख्य अभिनेता हैं राज बब्बर। जी हां, 2008 में मुलायम का साथ छोड़कर 2009 में कांग्रेस का हाथ पकड़कर चुनाव में फिरोजाबाद से पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल को हराने वाले राज बब्बर क्या अब फिर साइकिल पर बैठने की तैयारी में हैं? यह बात हम इसलिए कह रहे हैं क्यों कि राज बब्बर, गुलाम नबी आजाद को पद्म अवॉर्ड की बधाई दे चुके हैं। वह कांग्रेस के उस असंतुष्ट नेताओं में से एक हैं, जिसे जी-23 के नाम से जाना जाता है।

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इसके पहले यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। उस वक्त राजबब्बर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे। लेकिन प्रियंका गांधी के प्रदेश की राजनीति की बागडोर संभालने के बाद वह ऐक्टिव नहीं नजर आ रहे थे। 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद राज बब्बर ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।

राज बब्बर ने 80 के दशक के आखिर में बॉलिवुड के साथ सियासत का रुख किया था। 1989 में उन्होंने वी.पी. सिंह के नेतृत्व में जनता दल का दामन थामा था। इसके बाद वह समाजवादी पार्टी में गए और तीन बार लोकसभा सांसद रहे। 2004 में वह लोकसभा सांसद बने थे।

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2006 में मुलायम सिंह के साथ उनके रिश्ते खराब हो गए। समाजवादी पार्टी से उनकी विदाई हुई। 2008 में राजबब्बर कांग्रेस में शामिल हुए और 2009 में फिरोजाबाद से उन्होंने अखिलेश को सबसे बड़ा झटका दिया। अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को उन्होंने शिकस्त दी।

सपा में शामिल होने की अटकलों को बल इसलिए भी मिला है क्योंकि सपा के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कू पर इशारा करते हुए लिखा, ‘कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व समाजवादी नेता, अभिनेता जल्दी ही समाजवादी होंगे’।