हाथरस (उप्र), 12 दिसंबर (भाषा) लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी हाथरस सामूहिक बलात्कार पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए बृहस्पतिवार सुबह हाथरस पहुंचे। सामूहिक बलात्कार के बाद पीड़िता की मौत हो गई थी।
कांग्रेस सांसद पूर्वाह्न करीब 11.15 बजे बूल गढ़ी गांव पहुंचे, जबकि पुलिस ने उनके अपेक्षित दौरे के मद्देनजर जिले के चंदपा इलाके में गांव और उसके आसपास पुलिसकर्मियों की तैनाती बढ़ा दी है।
इससे पहले कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रमुख अजय राय ने लखनऊ में इस बात की पुष्टि की थी कि राहुल गांधी हाथरस के बूल गढ़ी में पीड़ित परिवार से मिलने जाएंगे।
हाथरस में, स्थानीय कांग्रेस नेता चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने कहा, ‘‘राहुल जी और प्रियंका जी ऐसे नेता हैं जो देश भर में पीड़ित लोगों के संपर्क में रहे हैं। राहुल जी इस परिवार के संपर्क में भी रहे हैं।’’
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि राहुल गांधी ‘‘भ्रमित हैं’’ और ‘‘मामले की स्थिति से अवगत नहीं हैं’’।
गांधी के दौरे के स्पष्ट कारण का जिक्र करते हुए पाठक ने कहा, ‘‘सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) पहले ही इस मामले की जांच कर चुकी है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासन में किसी भी अपराधी को बरी होने की इजाजत नहीं है।’’
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘चाहे संभल हो या हाथरस, वह (गांधी) सिर्फ सुर्खियों में रहने के लिए वहां जाते रहते हैं, किसी और वजह से नहीं।’’
उप्र के अल्पसंख्यक कल्याण, वक्फ और हज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने हाथरस दौरे के लिए राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि अगर उन्हें मामले के तथ्यों की जानकारी नहीं है तो उन्हें पता होना चाहिए कि सीबीआई जांच बहुत पहले हो चुकी है।
राजभर ने कहा, ‘‘अगर उन्हें किसी उच्च जांच अधिकारी के बारे में पता है तो उन्हें हमें बताना चाहिए। इस तरह के दौरे कांग्रेस की हताशा को दर्शाने वाले महज नौटंकी हैं।’’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने तीन अक्टूबर, 2020 को परिवार से मुलाकात की थी और घोषणा की थी कि वे मृतका को न्याय दिलाने के लिए लड़ेंगे।
युवती (19) से 14 सितंबर, 2020 को कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था। उसे इलाज के लिए अलीगढ़ और बाद में दिल्ली ले जाया गया, जहां 29 सितंबर, 2020 को उसकी मौत हो गई।
30 अक्टूबर की सुबह उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। उसके परिवार ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस ने उन्हें रात के अंधेरे में अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया था।
हालांकि, स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि दाह संस्कार ‘‘परिवार की इच्छा के अनुसार’’ किया गया था। इस संबंध में शुरुआती पुलिस जांच के बाद सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी और चारों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
भाषा जफर सुरभि
सुरभि
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