मुस्लिम बहुल इलाके में फिर से खोले गए मंदिर में शुद्धिकरण और हनुमान चालीसा का पाठ किया गया |

मुस्लिम बहुल इलाके में फिर से खोले गए मंदिर में शुद्धिकरण और हनुमान चालीसा का पाठ किया गया

मुस्लिम बहुल इलाके में फिर से खोले गए मंदिर में शुद्धिकरण और हनुमान चालीसा का पाठ किया गया

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Modified Date: December 19, 2024 / 03:15 PM IST
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Published Date: December 19, 2024 3:15 pm IST

अलीगढ़ (उप्र), 19 दिसंबर (भाषा) बजरंग दल, अखिल भारतीय करणी सेना और भाजपा समेत दक्षिणपंथी संगठनों ने यहां एक भीड़भाड़ वाले मुस्लिम बहुल इलाके में लंबे समय से बंद पड़े शिव मंदिर में शुद्धिकरण (शुद्धिकरण) समारोह आयोजित किया।

इस मंदिर को कई सालों से भुला दिया गया था, लेकिन बुधवार को इन संगठनों के सदस्यों ने इसे ‘फिर से खोला।’

बुधवार रात कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुद्धिकरण समारोह और हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। इस कार्यक्रम में आस-पास के इलाकों के कई लोग भी शामिल हुए।

अखिल भारतीय करणी सेना के राज्य सचिव ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि पूजा स्थलों को खोजने के अभियान के दौरान इस मंदिर का पता चला। उन्होंने कहा, ‘हम बुधवार को इस मंदिर की पहचान करने में सफल रहे।’

स्थानीय महिला सपना सारस्वत ने समारोह में भाग लिया। उन्होंने कहा, ‘हमें आज इस परित्यक्त मंदिर के बारे में पता चला और हमने इलाके की सफाई और पूजा में मदद की।’

अलीगढ़ की पूर्व भाजपा महापौर शकुंतला भारती ने मंदिर की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि मंदिर की हालत देखकर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंची है। इसकी जमीन पर अतिक्रमण हो गया है। हम अतिक्रमण हटाने और नियमित पूजा को बहाल करने के लिए उचित सर्वेक्षण चाहते हैं।’

इलाके के निवासी फतेह मोहम्मद, जिन्होंने अस्थायी बिजली कनेक्शन को बहाल करने में मदद की, ने मंदिर के इतिहास को याद किया।

उन्होंने बताया, ‘मंदिर करीब 50 साल पहले एक घर से सटी जमीन पर बनाया गया था। सालों तक लोग यहां पूजा करते रहे, लेकिन करीब पांच साल पहले मंदिर को भुला दिया गया।’

उन्होंने कहा कि इलाके के मुस्लिम निवासियों ने पूजा के पुनरुद्धार का स्वागत किया और मंदिर के प्रबंधन के साथ सहयोग करने का संकल्प लिया।

मोहम्मद ने कहा, ‘हम जीर्णोद्धार प्रयासों का समर्थन करते हैं और मंदिर के रखरखाव में सहायता करेंगे।’

एक अन्य स्थानीय निवासी प्रदीप बबलू ने बताया कि पिछले कुछ दशकों में खराब स्थिति के कारण हिंदू धीरे-धीरे इलाके से चले गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘मैं यहां आखिरी हिंदू परिवार था और मैं एक दशक पहले यहां से चला गया था। पिछले पांच सालों से मंदिर में कोई पूजा नहीं हुई है।’

स्थानीय मुस्लिम निवासी जाकिर ने पुष्टि की कि हिंदू परिवार धीरे-धीरे इस इलाके को छोड़कर चले गए हैं और पिछले कुछ सालों में उन्होंने मंदिर से मूर्तियां भी हटा दी हैं।

अपर जिलाधिकारी (शहर) अमित कुमार ने लोगों को आश्वासन दिया कि नियमित पूजा के लिए व्यवस्था की गई है और शांति और सामुदायिक सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

भाषा सं जफर राजकुमार

राजकुमार

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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