महाकुम्भ नगर। Akhilesh Yadav in Mahakumbh : समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को प्रयागराज में संगम में आस्था की डुबकी लगाई और ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से आशीर्वाद लिया। साथ ही उन्होंने महाकुम्भ मेले में एक शिविर में स्थापित मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया। इस पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने तंज करते हुए कहा कि ‘‘देर आए दुरुस्त आए।’’ हरिद्वार में गंगा स्नान और महाकुंभ स्नान के बाद उम्मीद है कि अब आस्था को चोट पहुँचाने वाले बयानों से बचेंगे। महाकुंभ की विशेषता ‘अनेकता में एकता’ है। जो सपाई और कांग्रेसी अब भी महाकुंभ को लेकर मानसिक और दृष्टि दोष से ग्रसित हैं, वे इलाज कराएं या न कराएं, पर महाकुंभ स्नान जरूर करें।
अखिलेश यादव जी, देर आए दुरुस्त आए। हरिद्वार में गंगा स्नान और महाकुंभ स्नान के बाद उम्मीद है कि अब आस्था को चोट पहुँचाने वाले बयानों से बचेंगे।
महाकुंभ की विशेषता ‘अनेकता में एकता’ है। जो सपाई और कांग्रेसी अब भी महाकुंभ को लेकर मानसिक और दृष्टि दोष से ग्रसित हैं, वे इलाज कराएं या…— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) January 26, 2025
यहां अखिलेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज गणतंत्र दिवस के अवसर में मुझे संगम में 11 डुबकी लगाने का मौका मिला। भगवान से कामना की कि लोगों के बीच सौहार्द एवं सद्भाव बना रहे और वे सहनशीलता के साथ आगे बढ़ें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह (महाकुंभ) एक बड़ा आयोजन है। जब सपा की सरकार थी, उस समय हमें महाकुंभ आयोजित कराने का मौका मिला था। उस समय हमने कम संसाधन में महाकुंभ आयोजित किया था।’’
अखिलेश ने कहा, ‘‘यहां तीन नदियां मिलती हैं-गंगा, यमुना और सरस्वती, जो हमें प्रेरणा देती हैं कि हमें मिलकर रहना चाहिए। लोग यहां बिना प्रचार के अपनी व्यक्तिगत आस्था से आते हैं।’’यह पूछे जाने पर कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोग व्यवस्था के लिहाज इसे अब तक का सबसे अच्छा कुंभ बता रहे हैं, सपा प्रमुख ने कहा, ‘‘भाजपा वालों के लिए यही कहना है कि कुम्भ में आएं, तो सहनशीलता के साथ स्नान करें, क्योंकि लोग यहां दान-पुण्य के लिए आते हैं, किसी ‘वाटर स्पोर्ट्स’ के लिए नहीं।’’
इस बीच, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस पर तंज करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘अखिलेश यादव जी, देर आए दुरुस्त आए। हरिद्वार में गंगा स्नान और महाकुंभ स्नान के बाद उम्मीद है कि अब आस्था को चोट पहुंचाने वाले बयानों से बचेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘महाकुंभ की विशेषता अनेकता में एकता है। जो सपाई और कांग्रेसी अब भी महाकुंभ को लेकर मानसिक और दृष्टि दोष से ग्रसित हैं, वे इलाज कराएं या न कराएं, पर महाकुंभ स्नान जरूर करें।’’