लखनऊ, 18 जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामित्व योजना के तहत देश के विभिन्न राज्यों में संपत्ति मालिकों को जो संपत्ति कार्ड बांटे उनमें उत्तर प्रदेश में 45 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड (घरौनियों) का वितरण किया गया। एक आधिकारिक बयान में शनिवार को यह जानकारी दी गयी।
एक सरकारी बयान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 10 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 230 से अधिक जिलों के 50,000 से अधिक गांवों में संपत्ति मालिकों को स्वामित्व योजना के तहत 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड (घरौनी) वितरित किए।
इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बाराबंकी जिले में आयोजित संपत्ति कार्ड वितरण कार्यक्रम में सम्मिलित हुईं। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाराबंकी में योजना के लाभार्थियों से संवाद भी किया।
वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को अपने सरकारी आवास पर प्रधानमंत्री द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वामित्व योजना के तहत घरौनी वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए।
आधिकारिक बयान में योगी के हवाले से कहा गया कि देशभर में दो करोड़ 23 लाख से अधिक घरौनियां बनायी गयी हैं, जबकि अकेले उत्तर प्रदेश में एक करोड़ 50 हजार से अधिक घरौनियां बनायी गयीं। इनमें से 37 हजार से अधिक गांव की 55 लाख 14 हजार से अधिक घरौनियों को पहले ही वितरण किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि शनिवार को 29 हजार से अधिक गांव की 45 लाख 35 हजार से अधिक घरौनियों का वितरण किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इससे गांवों में संपत्ति को लेकर होने वाले विवादों में कमी आयी है। पहले दबंग लोग कमजोर व्यक्ति की जमीन पर कब्जा कर लेता था, लेकिन पहली बार तकनीक का उपयोग करते हुए ड्रोन सर्वेक्षण के माध्यम से गांवों में घरौनी (कानूनी दस्तावेज) के जरिये घर का मालिकाना हक दिया जा रहा है, जिसे अब कोई भी दबंग नहीं छीन सकेगा।”
बाराबंकी के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा, “स्वामित्व योजना ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को नयी दिशा देने वाली ऐतिहासिक योजना है।”
उन्होंने कहा, “इस योजना के माध्यम से न केवल ग्रामीण जनता को उनकी आवासीय संपत्ति का कानूनी अधिकार दिया जा रहा है, बल्कि इससे उनकी आर्थिक स्थिति को भी मजबूती मिलेगी।”
राज्यपाल ने कहा, “इस योजना के अंतर्गत ग्रामीणों को जो कानूनी दस्तावेज दिए जा रहे हैं, वे बैंकों से ऋण प्राप्त करने और अपनी आजीविका सुधारने में सहायक होंगे। साथ ही, यह योजना भूमि विवादों को कम करने और ग्राम पंचायतों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का अवसर प्रदान कर रही है।”
राज्यपाल पटेल ने जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि जो भी लाभार्थी संपत्ति कार्ड से वंचित हैं, उन्हें जल्द चिन्हित कर यह कार्ड वितरित किए जाएं।
भाषा
आनन्द, रवि कांत रवि कांत
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