लखनऊ, 17 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मंगलवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने जितनी तेजी से अपराधियों को सजा दिलाई, प्रदेश के इतिहास में किसी अन्य सरकार के दौरान ऐसा नहीं हुआ।
उप्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान सुरेश खन्ना मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य रविदास मेहरोत्रा, डॉक्टर संग्राम यादव और अखिलेश के प्रश्न का मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की ओर से उत्तर दे रहे थे।
सपा सदस्यों ने मुख्यमंत्री से तारांकित प्रश्न किया था कि एक अप्रैल 2017 से 20 अगस्त 2024 तक प्रदेश में कितनी महिलाओं के साथ बलात्कार, अपराध और हिंसक घटनाएं हुईं तथा इसमें कितने मुकदमे में लोगों को सजा हुई है।
खन्ना ने कहा कि जब से राज्य में आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार आयी है तबसे कानून-व्यवस्था सबसे बड़ी उपलब्धि है।
खन्ना ने बताया कि उप्र में एक अप्रैल 2017 से 20 अगस्त 2024 तक की अवधि में बलात्कार के 6984 मामलों और दुराचार व हिंसक घटनाओं में 6882 मामलों में लिप्त आरोपियों को अदालत से सजा दिलाई गयी।
पूरक प्रश्न के दौरान सपा सदस्यों ने राज्य में अपराधों में बेतहाशा वृद्धि और महिलाओं के खिलाफ अपराधों को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
खन्ना ने महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं का ब्यौरा देते हुए बताया कि उप्र में 2017 में दहेज के कारण मौत की 2524, बलात्कार की 4246, शीलभंग की 12,607 और अपहरण की 14,993 घटनाएं दर्ज की गयीं।
उन्होंने इसके वर्षवार अपराधों का ब्यौरा दिया और साल दर साल उल्लेखनीय कमी का दावा किया।
संसदीय कार्य मंत्री ने एक जनवरी 2024 से 31 अगस्त 2024 तक के महिलाओं के खिलाफ अपराधों का ब्यौरा देते हुए कहा कि इस अवधि में राज्य में दहेज के कारण मौत की 1418, बलात्कार की 1718, शीलभंग की 5178 और अपहरण की 8305 घटनाएं दर्ज की गयीं जबकि वर्ष 2023 में दहेज के कारण मृत्यु की 2061, बलात्कार की 2614, शीलभंग की 6938 और अपहरण की 10,910 घटनाएं दर्ज की गयीं।
इस बीच सपा सदस्यों ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के हवाले से सरकार को घेरने की कोशिश की लेकिन खन्ना ने एनसीआरबी के ही आंकड़ों का हवाला देकर विपक्ष के आरोपों को खारिज किया।
खन्ना ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों का त्वरित पंजीकरण करने के लिए विस्तृत निर्देश दिये गये हैं।
उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता न हो, इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नियमित निगरानी की जाती है।
मंत्री ने बताया कि प्रदेश के 1647 थानों में महिला ‘हेल्प डेस्क’ की स्थापना की गयी है, जिसके माध्यम से थानों में आने वाली महिलाओं की समस्याओं का समुचित निराकरण किया जाता है।
भाषा आनन्द नोमान
नोमान
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