(तस्वीर के साथ)
वाराणसी, (उप्र) 25 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि युवा शक्ति की उपेक्षा कर कोई देश कभी आगे नहीं बढ़ सकता।
मुख्यमंत्री ने यहां उदय प्रताप कॉलेज (यूपी कॉलेज) के 115 वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘युवा शक्ति की उपेक्षा कर कोई देश कभी आगे नहीं बढ़ सकता। हमें उनकी भावनाओं को सम्मान करना होगा और उन्हें उचित अवसर देना होगा।”
उन्होंने कहा, ‘‘जिस देश की युवा शक्ति कुंठित, अपराध बोध से ग्रसित और दिग्भ्रमित हो, वह देश कभी आगे नहीं बढ़ सकता। जब भी परिवर्तन हुआ या होगा, युवा शक्ति ही करेगी। युवा शक्ति को केंद्र बिंदु के रूप में रखकर संस्थानों को खुद को तैयार करना होगा।’’
इस कॉलेज की प्रशंसा करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उसने एक सदी में शिक्षा और जीवन के सर्वांगीण विकास के क्षेत्र में जो कार्य किए हैं, उसके प्रति केवल वाराणसी, पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं बिहार ही नहीं, बल्कि समूचा प्रदेश एवं देश विनम्र भाव से कृतज्ञता ज्ञापित करता है।
योगी ने कहा कि कि राजर्षि उदय प्रताप सिंह जूदेव ने 1909 में बाबा विश्वनाथ की पावन स्थली पर जो नींव रखी थी वह उनके विराट व्यक्तित्व को प्रदर्शित करता है।
उन्होंने कहा कि उनके मन में यह भाव रहा होगा कि राष्ट्रीयता से ओतप्रोत भावी भारत के निर्माण के लिए ऐसा शिक्षण-प्रशिक्षण संस्था देना है, जो आजादी के आंदोलन को गति और आवश्यकता पड़ने पर प्रत्येक क्षेत्र में देश को योग्य नागरिक भी दे सके।
योगी ने कहा कि यहां से शिक्षित-प्रशिक्षित स्नातक, परास्नातक, खिलाड़ी, कृषि, डेयरी समेत प्रत्येक क्षेत्र में मिलते हैं।
इस मौके पर यूपी कॉलेज के बच्चों ने कुलगीत एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
योगी ने कहा कि राजर्षि की 175 वीं वर्षगांठ के कारण यह वर्ष उदय प्रताप कॉलेज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि राजर्षि उदय प्रताप सिंह भिनगा स्टेट (श्रावस्ती) के राजा थे, लेकिन विद्या का केंद्र होने के कारण उन्होंने काशी को ही सबसे उपयुक्त माना तथा फिर 1909 में यूपी कॉलेज और 1916 में मदन मोहन मालवीय द्वारा काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना हुई।
वाराणसी के एक दिवसीय दौरे में मुख्यमंत्री ने श्री काशी विश्वनाथ एवं काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने षोडशोपचार विधि से बाबा विश्वनाथ का रुद्राभिषेक किया। इसके बाद गंगा द्वार से क्रूज में सवार होकर डोमरी के लिए रवाना हुए।
कथा स्थल पर पहुंचते ही मंच पर सतुआ बाबा ने योगी का स्वागत किया। पूरे पंडाल में जयघोष होने लगा। डुमरी में गंगा किनारे प्रसिद्ध कथावाचक सिहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा किए जा रहे शिव पुराण कथा स्थल पर पहुंच कर योगी ने श्रद्धालुओं के साथ कथा सुनी।
भाषा सं आनन्द राजकुमार
राजकुमार
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