उत्तर प्रदेश। सोशल मीडिया पर आपने यूपी पुलिस के कई कारनामे देखें होंगे। बात चाहे बहादूरी की हो या लापरवाही या फिर बदसलूकी की अक्सर सोशल मीडिया पर यूपी पुलिस छाई रहती है। इसी बीच एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके यूपी पुलिस पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आइए जानते है क्या है पूरा मामला..
दरअसल, मामला उत्तर प्रदेश के शामली का है, जहां पुलिस की यातना से मुस्लिम व्यापारी की मौत हो गई। व्यापारी के शरीर पर चोट के निशान थे और गर्दन भी टूटी थी। इस बात का आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते की किस तरह व्यापारी के साथ पुलिस ने बर्बरता की होगी। इससे कुछ दिन पहले ही कासगंज जिले में भी एक दलित युवक ने पुलिस टॉर्चर से परेशान होकर थाने में ही आत्महत्या का प्रयास किया था, जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। परिजनों का आरोप था, कि पुलिस कस्टडी में गौरव के साथ बर्बरता हुई जिसके बाद उसकी मौत हुई। लेकिन, अब उसे आत्महत्या बताया जा रहा है।
वहीं, अब इस मामले पर यूपी कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, कि योगी राज में पुलिस बनी हत्यारी! अभी बीते दिनों आगरा में पुलिस टॉर्चर से दलित युवक की मौत हो गई थी। आज शामली में पुलिस की यातना से मुस्लिम व्यापारी की मौत हो गई। व्यापारी के साथ पुलिस की बर्बरता आप इससे समझ सकते हैं कि पूरे शरीर पर चोट के निशान थे और गर्दन भी टूटी थी। परिजनों का आरोप है कि पुलिस वाले रात में घर की दीवार फांदकर बेटे को उठाकर ले गए और आधे घंटे बाद उसका शव घर के बाहर फेंक कर चले गए। योगी सरकार में हर दिन कानून और संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बुलडोजर और पुलिस कस्टडी में मौतें इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।