लखनऊ, 30 जनवरी (भाषा) प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान के लिए उमड़ी भीड़ में मंगलवार देर रात मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत की घटना की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित न्यायिक जांच आयोग ने बृहस्पतिवार को अपना काम शुरू कर दिया। आयोग के सदस्य शुक्रवार को घटनास्थल का दौरा करेंगे।
आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि महाकुंभ हादसे की जांच के लिए गठित तीन सदस्य न्यायिक आयोग ने अपने गठन के अगले ही दिन काम शुरू कर दिया है। आयोग के तीनों सदस्य आज लखनऊ के जनपथ स्थित अपने कार्यालय पहुंचे।
आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हर्ष कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘जांच को प्राथमिकता के आधार पर लिया जाना है इसलिए हमने घोषणा के कुछ ही घंटों के भीतर कार्यभार संभाल लिया है।’
उन्होंने कहा, ”हमारे पास एक महीने का समय है, लेकिन फिर भी हम जांच को तेजी से पूरा करने की कोशिश करेंगे।”
यह पूछे जाने पर कि क्या आयोग के सभी तीन सदस्य घटना के अलग-अलग पहलुओं की जांच करेंगे या उनमें कैसा समन्वय होगा, न्यायमूर्ति कुमार ने कहा, ”हम इन पर आपस में चर्चा करेंगे। अभी विस्तार से नहीं बता सकते।”
आयोग के अध्यक्ष ने बाद में संवाददाताओं से बातचीत भी की। उन्होंने कहा, ”कल (शुक्रवार) हम निरीक्षण करने और घटना के संभावित कारणों और परिस्थितियों का विश्लेषण करने के लिए घटनास्थल पर जाएंगे। हम सभी पहलुओं पर सावधानीपूर्वक विचार करेंगे।।”
इस दौरान आयोग के बाकी सदस्य वी.के. गुप्ता (सेवानिवृत्त आईएएस) और डी.के. सिंह (सेवानिवृत्त आईपीएस) भी मौजूद थे।
न्यायमूर्ति हर्ष कुमार ने कहा, ”सबसे पहले हमें कारणों की जांच करनी होगी। मूल कारण की पहचान करने के बाद ही समाधान निकलेगा। शुरुआत में हम कारणों को समझने पर ध्यान केंद्रित करेंगे और फिर भविष्य के लिए निवारक उपाय सुझाएंगे।”
उन्होंने कहा कि प्रशासन ने काफी व्यवस्था की थी, इसके बावजूद यह घटना हो गई। उनके मुताबिक, घटना के कारणों को देखना होगा तथा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान के लिए मंगलवार देर रात उमड़ी भीड़ में मची भगदड़ की घटना में 30 लोगों की मौत हो गई थी तथा 60 अन्य जख्मी हो गए थे। मौनी अमावस्या बुधवार को थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति हर्ष कुमार की अध्यक्षता वाले इस आयोग में सेवानिवृत्त आईएएस अफसर डी. के. सिंह और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी वी. के. गुप्ता भी शामिल हैं। आयोग को अपने गठन के एक महीने के अंदर मामले की जांच रिपोर्ट देनी होगी।
इस सिलसिले में जारी अधिसूचना के मुताबिक, आयोग भगदड़ के कारणों और परिस्थितियों की जांच करेगा। साथ ही भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के सिलसिले में सुझाव भी देगा।
भाषा सलीम मनीष नोमान
नोमान
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)