युवती के पेट से निकले दो किलो बाल, पेट में इतनी मात्रा में कैसे पहुंचे? जानें

Two kilograms of hair removed from woman's stomach: बरेली के जिला अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक, वह ‘ट्राइकोफेजिया’ नामक मानसिक विकार से पीड़ित है जिसमें मरीज अपने बाल खाने लगता है।

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  • Publish Date - October 6, 2024 / 04:25 PM IST,
    Updated On - October 6, 2024 / 05:28 PM IST

लखनऊ/बरेली: Two kilograms of hair removed from woman’s stomach उत्तर प्रदेश में बरेली के करगैना की रहने वाली 21 वर्षीय युवती एक मानसिक विकार से पीड़ित होने की वजह से पिछले करीब 16 सालों से अपने बाल खा रही थी जिस वजह से उसके पेट में करीब दो किलोग्राम बाल जमा हो गए थे और इन्हें पिछली 26 सितंबर को ऑपरेशन के बाद बाहर निकाला गया।

बरेली के जिला अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक, वह ‘ट्राइकोफेजिया’ नामक मानसिक विकार से पीड़ित है जिसमें मरीज अपने बाल खाने लगता है।

उन्होंने बताया कि पेट में जमा बालों की वजह से युवती के पेट की गुहा और उसकी आंत के कुछ हिस्से भी बंद हो गये थे।

इस बीमारी का पता पिछली 20 सितंबर को तब लगा, जब लड़की के परिजन बरेली के जिला अस्पताल आए और सीटी स्कैन रिपोर्ट में उसके पेट में बालों का ढेर दिखा। इस बात का खुलासा होने पर अस्पताल के डॉक्टरों के भी होश उड़ गए।

‘ट्राइकोफेजिया’ एक मानसिक विकार

बरेली के जिला अस्पताल के सर्जन डॉक्टर एमपी सिंह ने इस बीमारी के बारे में ‘पीटीआई—भाषा’ से कहा कि ‘ट्राइकोफेजिया’ एक मानसिक विकार है, जिससे पीड़ित मरीज को अपने बाल खाने की अदात पड़ जाती है।

सिंह ने बताया, ”लड़की के पेट में गांठ से ‘ट्राइकोफेजिया’ बीमारी का संकेत मिल रहा है। इसलिए लड़की की कई चरणों में काउंसलिंग की गई। मनोचिकित्सक डॉक्टर आशीष कुमार और डॉक्टर प्रज्ञा माहेश्वरी ने काउंसलिंग की और बाद में उसने स्वीकार किया कि पांच साल की उम्र से ही उसे अपने सिर के बाल खाने की लत लग गई थी।”

उन्होंने बताया कि परिणामस्वरूप उसके पेट में करीब दो किलो बाल जमा हो गए थे, जिन्हें 26 सितंबर को ऑपरेशन के बाद निकाला गया।

सिंह के मुताबिक, लड़की के पेट में बालों की मात्रा इतनी ज्यादा हो गयी थी कि उसके पेट की गुहा और यहां तक कि उसकी आंत के कुछ हिस्से को बालों ने पूरी तरह से जकड़ लिया था।

अपने ही सिर के बाल खाने लगता है मरीज

सर्जन ने कहा कि युवती ठोस चीजें नहीं खा पा रही थी और वह जो तरल खाद्य पदार्थ ले रही थी, वे भी उल्टी की वजह से बाहर निकल रहे थे।

उन्होंने मनोवैज्ञानिक विकार और उससे संबंधित पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा, ”रोगी युवती को जो मनोवैज्ञानिक समस्या थी, उसे ‘ट्राइकोफेजिया’ कहा जाता है। इसमें मरीज अपने ही सिर के बाल खाने लगता है। इसके परिणामस्वरूप ‘गैस्ट्रिक बेजोअर’ विकसित होते हैं। इसके मुख्य लक्षण उल्टी और पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द हैं।”

सिंह ने कहा कि जठरांत्र संबंधी मार्ग में बालों का गोला बनने से गंभीर स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं पैदा हो सकती हैं और इसके लिए आपातकालीन सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

इस बीच, परिजनों ने डॉक्टरों को बताया कि उनकी बेटी चुपके से अपने बाल तोड़कर खा जाती थी तथा उसे पता था कि ऐसा करना अजीब है, फिर भी वह यह काम करती रही। उनके मुताबिक, ऐसा 16 साल से हो रहा था। बाद में उसके पेट में तेज दर्द होने लगा।

परिजनों ने बताया कि शुरू में वह दर्द निवारक दवाएं लेती थी, लेकिन बाद में वे दवाएं भी बेअसर हो गईं जिसके बाद अल्ट्रासाउंड कराया, लेकिन स्थिति स्पष्ट नहीं हुई।उन्होंने बताया कि बाद में जिला अस्पताल में सीटी स्कैन कराया तो मामला सामने आया।

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