लखनऊ: Fire Private Employees केंद्र और राज्य की सरकार सरकारी कामकाज में पारदर्शीता लाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है, बावजूद इसके कुछ अधिकारी कर्मचारी ऐसे हैं जो अपने आरामदायक रवैये से बाहर आने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। इतना ही नहीं कुछ तो ऐसे अधिकारी भी जो अपना काम आसान बनाने के लिए अपने अंडर प्राइवेट कर्मचारी भी रखत हैं। ऐसा नहीं है कि अधिकारी ही ऐसा करते हैं कई ऐसे विभाग हैं जहां कर्मचारी अपने खर्चे पर कई लोग रखते हैं जो उनका काम करते हैं। लेकिन अब ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ने वाली है।
Fire Private Employees दरअसल प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए यह तय किया है कि सरकारी दफ्तरों में कार्यरत प्राइवेट कर्मचारियों ढूंढ-ढूंढकर बाहर करें। सरकार की ओर से साफ कहा गया कि दफ्तरों में किसी भी कीमत पर बाहरी लोगों से काम नहीं लिया जाए। बताया जा रहा है कि इस संबंध में प्रमुख सचिव राजस्व पी गुरु प्रसाद ने आदेश भी जारी कर दिया है।
प्रमुख सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सरकारी कार्यालयों को भ्रष्टाचार मुक्त रखना तथा कार्य की गोपनीयता बनाए रखना, प्रत्येक सरकारी कर्मचारी एवं अधिकारी का कर्तव्य एवं दायित्व है। शासन के संज्ञान में आया है कि निर्देशों के बावजूद कुछ सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों-अधिकारियों द्वारा निजी व्यक्तियों से कार्य लिया जा रहा है, जो कदापि क्षम्य नहीं है।
प्रमुख सचिव ने राजस्व परिषद के आदेश दिनांक 29 अगस्त 2023 और 26 जुलाई 2024 का हवाला देते हुए साफ कहा है कि बार-बार आदेश जारी किए जा रहे हैं, लिहाजा अब यदि कहीं सरकारी दफ्तर में कोई बाहरी व्यक्ति सरकारी कार्य करता पाया जाता है, तो कठोरतम कार्रवाई होगी।
बता दें कि शासन की ओर से पूर्व में जारी आदेशों क्रम में सहारनपुर में कमिश्नर ने छापामार कार्रवाई कराई थी, जिसमें कई दफ्तरों में बाहरी लोग काम करते पकड़े गए थे। इन पर गाज गिरने के बाद प्रदेशभर में ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई थी। पिछले दिनों रामपुर में भी कमिश्नर मुरादाबाद की टीम ने बीएसए आफिस और एआरटीओ में छापामार कार्रवाई की थी। इस दौरान बीएसए आफिस से एक कर्मचारी फरार हो गया था वहीं, एआरटीओ से एक बाहरी को दबोचा गया था।
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