लखनऊ, 24 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह-सरकार्यवाह आलोक कुमार ने रविवार को मालवा पर शासन करने वाली मराठा रानी देवी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन को सभी के लिए प्रेरणादाई बताते हुए कहा कि जब पश्चिम सोच भी नहीं सकता था, तब भारत में अहिल्याबाई, लक्ष्मीबाई और दुर्गावती जैसी युद्ध कला में पारंगत महान महिलाएं थीं।
कुमार ने अहिल्याबाई होल्कर की त्रि-शताब्दी समारोह के अवसर पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘लोकमाता अहिल्याबाई का जीवन सभी के लिए प्रेरणादायी है। उनकी वीरता अद्भुत थी। वह एक कुशल रणनीतिकार, वीर और युद्ध कला में पारंगत थीं। अहिल्याबाई होल्कर सती प्रथा के खिलाफ थीं। वह त्याग की प्रतिमूर्ति थीं।’
महेश्वर (मध्य प्रदेश) में साड़ी उद्योग शुरू करने का श्रेय उन्हें देते हुए कुमार ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर ने महेश्वर में साड़ी उद्योग शुरू किया और युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों की विधवाओं के लिए रोजगार का सृजन किया।
कुमार मुताबिक, उनका व्यक्तित्व अद्वितीय था और वे दूरदर्शी सोच वाली महिला थीं। उन्होंने कहा कि उस समय उन्होंने पेंशन योजना शुरू की और युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों के आश्रितों को एक राशि दी गई।
कुमार ने कहा, ‘जिस समय पश्चिम सोच भी नहीं सकता था, उस समय भारत में अहिल्याबाई, लक्ष्मीबाई और दुर्गावती जैसी महान महिला योद्धा थीं।’
लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी समारोह समिति की राष्ट्रीय सचिव माला ठाकुर ने कहा कि आज जब कुछ लोग जाति, भाषा और क्षेत्र के आधार पर समाज को बांट रहे हैं, उस समय लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर न केवल समाज की दशा और दिशा तय करने का काम कर रही थीं, बल्कि वे सामाजिक सहयोग का उदाहरण भी प्रस्तुत कर रही थीं।
भाषा सलीम नोमान
नोमान
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