पवन कुमार मिश्रा, कुशीनगर। Cyclone Remal Latest Update: पश्चिम बंगाल में तूफान रेमल का लैंडफॉल शुरू हो चुका है। करीब 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ गंभीर चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ नेपाल के उत्तर से दक्षिण पटना बिहार बहने वाली नारायणी गंडक नदी जो उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिला मुख्यालय के उत्तर से और पश्चिमी चंपारण बिहार के दक्षिण मध्य इलाकों में टकराया हैं। इस दौरान भारी बारिश हुई, जिससे घरों और खेतों में पानी भर गया, चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ तबाही के कई निशान छोड़ गया।
लैंडफाल के वक्त पूर्वोत्तर राज्य के कुशीनगर समेत तमाम हिस्सों में तेज हवा के साथ जोरदार बारिश हुई। चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ से नाजुक घरों को नष्ट कर दिया, पेड़ों को उखाड़ दिया और बिजली के खंभों को गिरा दिया। पडरौना कोतवाली क्षेत्र और जटहां बाजार इलाके में टूटे पेड़, छतों के उड़ते कटरैन के चपेट में आने से कई लोगों को घायल होने की सूचना मिल रही हैं। जैसे ही चक्रवात आया, बारिश की मोटी चादरों से क्षेत्र धुंधला हो गया था।
जटहां बाजार जलमग्न होने से दुकानदारों का सामान बहने लगा, फूस और छतों के कट रैन उड़ा ले गया तो मकान के झरोखे के शीशे टूट गए, बिजली के खंभे टूट गए, कई इलाकों में पेड़ उखड़ गए, पडरौना जटहां मार्ग पर पेड़ो के गिरने से आवागमन ठप पड़ गया। इलाके के हजारों एकड़ केले की खेती धराशाई हो गए हैं, किसान माथा पकड़ कर चिंता में बैठ गए हैं। लोगों का कहना है कि सरकार को बिना देर किए प्राकृतिक आपदा से बर्बाद हुए हजारों एकड़ केले की फसल किसानों के खेती बारी का सर्वे कराकर हुई क्षति की भरपाई के लिए विचार करे। ताकि उन्हें कुछ हद तक राहत मिल सके वरना मध्यमवर्गीय बेहाल किसान सेठ, साहूकारों और बैक के कर्ज में डूब जायेगे तो उबरना मुश्किल हो जाएगा।
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