कुष्ण जन्मभूमि मामला : ईदगाह पक्ष ने वाद के खिलाफ पेश की दलील, 11 नवंबर को अगली सुनवाई |

कुष्ण जन्मभूमि मामला : ईदगाह पक्ष ने वाद के खिलाफ पेश की दलील, 11 नवंबर को अगली सुनवाई

कुष्ण जन्मभूमि मामला : ईदगाह पक्ष ने वाद के खिलाफ पेश की दलील, 11 नवंबर को अगली सुनवाई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:48 PM IST, Published Date : October 23, 2021/4:19 pm IST

मथुरा, 23 अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद की जिला अदालत में श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर स्थित शाही ईदगाह को हटाकर उसकी कुल 13.37 एकड़ भूमि पर मालिकाना हक दिलाने के लिए दायर याचिका को स्वीकार करने को लेकर चल रही सुनवाई पर प्रतिवादी शाही ईदगाह प्रबंधन समिति ने शुक्रवार को जवाब दाखिल किया और याचिका को अस्वीकार करने के समर्थन में तर्क प्रस्तुत किए।

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री एवं छह अन्य की ओर से गत वर्ष प्रथम सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में एक दावा पेश किया गया था। जिसे अदालत ने विभिन्न तर्कों के आधार पर स्वीकार करने से इंकार कर दिया गया। इस पर वादी ने यह मामला पुनर्विचार के लिए जिला न्यायाधीश की अदालत में उठाया था।

प्रतिवादी पक्ष शाही ईदगाह प्रबंधन समिति के सचिव अधिवक्ता तनवीर अहमद ने शुक्रवार को जिला न्यायाधीश विवेक संगल के समक्ष अपना पक्ष रखा। उन्होंने अदालत में करीब दो घंटे तक अपना पक्ष रखा।

जिला शासकीय अधिवक्ता शिवराम सिंह तरकर ने बताया, वादी पक्ष का कहना है कि 54 वर्ष पहले श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान एवं शाही ईदगाह प्रबंधन समिति कमेटी के बीच हुआ कथित समझौता पूरी तरह से अवैध है। उन्होंने कहा कि ईदगाह जिस जमीन पर स्थापित है तथा उसके आसपास की 13.37 एकड़ जमीन मंदिर ट्रस्ट की है, इसलिए ईदगाह को वहां से हटाकर जमीन मंदिर को लौटाई जाए।

वहीं, प्रतिवादी पक्ष ने तर्क दिया कि उक्त याचिका के साथ वर्तमान मूल्य के हिसाब से अदालत शुल्क नहीं जमा किया गया है। साथ ही बीते 54 वर्षों में समझौते पर कोई आपत्ति दर्ज नहीं की गई है।

उन्होंने बताया, अदालत ने इस मामले में प्रतिवादी पक्ष को अपनी बात पूरी करने का एक और मौका देते हुए 11 नवंबर को अगली सुनवाई तय की है।

भाषा सं. धीरज प्रशांत

प्रशांत

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