लखनऊ, 27 नवंबर (भाषा) झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की नवजात सघन देखभाल इकाई (एनआईसीयू) में 15 नवंबर को लगी आग में 10 बच्चों की मौत के मामले में सरकार ने कार्रवाई करते हुए तीन कर्मियों को निलंबित कर दिया और मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को हटा दिया।
राज्य सरकार द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक यह कार्रवाई प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर गठित चार सदस्यीय समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गयी है।
बयान के मुताबिक कार्रवाई के तहत जांच रिपोर्ट के आधार पर मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉक्टर नरेंद्र सिंह सेंगर को पद से हटाकर उन्हें चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशालय से संबद्ध किया गया है। साथ ही कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सचिन माहुर को आरोप पत्र देकर जवाब मांगा गया है।
इसके अलावा कॉलेज के अवर अभियन्ता (विद्युत) संजीत कुमार, एनआईसीयू वार्ड की नर्सिंग सिस्टर इंचार्ज संध्या राय एवं मेडिकल कॉलेज की प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर सुनीता राठौर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
बयान के अनुसार कॉलेज में बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉक्टर ओम शंकर चौरसिया, सर्जरी विभाग के सह-आचार्य डॉक्टर कुलदीप चंदेल व विद्युत प्रभारी अधिकारी को आरोप पत्र देकर झांसी के मण्डलायुक्त को उनकी भूमिका की जांच सौंपी गयी है।
झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वार्ड में पिछली 15 नवंबर को आग लगने से 10 बच्चों की मृत्यु हो गई थी। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मामले की जांच के लिये चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को महानिदेशक की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी गठित करने के आदेश दिए थे।
उप मुख्यमंत्री पाठक ने बताया कि झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई ह्रदय विदारक घटना को लेकर सरकार बेहद संवेदनशील है। पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद उपलब्ध कराई गई है।
इस कार्रवाई को अनुचित करार देते हुए कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि सरकार के करीबी प्रधानाचार्य सेंगर को भी बर्खास्त कर गिरफ्तार किया जाना चाहिए था।
राय ने कहा, “इस सरकार की असंवेदनशीलता इस तथ्य से समझी जा सकती है कि सरकार इस ह्रदय विदारक घटना के मुख्य आरोपी सेंगर को बचाने का भरसक प्रयास कर रही है।”
उन्होंने कहा कि कार्रवाई के नाम पर योगी आदित्यनाथ की सरकार महज दिखाने के लिए कुछ छोटे कर्मचारियों को निलंबित कर इस मामले से पल्ला झाड़ना चाहती है, जबकि इस गंभीर और बड़े आपराधिक कृत्यु के बाद ना तो जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और ना ही कोई दोषी अभी तक पकड़ा गया है।
उन्होंने कहा, “छोटे अपराधों के लिए घरों पर बुलडोजर चलाने वाली और निर्दोष लोगों को जेल में डालने वाली भाजपा की सरकार कुछ अज्ञात कारणों से झांसी की आग की घटना के आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है।”
भाषा सलीम राजेंद्र धीरज
धीरज
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