झांसी (उप्र), 17 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में आग लगने के दौरान बचाये गये बच्चों में एक बच्चे की उपचार के दौरान मौत हो गयी, जिससे मृत नवजातों की संख्या बढ़कर 11 हो गयी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
शुक्रवार रात करीब पौने 11 बजे महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई थी।
झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया था कि हादसे में बचाये गये 38 नवजात बच्चों का उपचार किया जा रहा है।
कुमार ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘तीन नवजात की हालत गंभीर बताई गई थी जिनमें से एक नवजात की रविवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। मृत नवजात बच्चों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है।’’
हालांकि, जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि बच्चे की मौत जलने की वजह से नहीं हुई है।
उन्होंने यह भी कहा कि जिन बच्चों का उपचार किया जा रहा है उनमें से किसी का भी उपचार जलने की वजह से नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ये वे बच्चे हैं जिन्हें अस्पताल के कर्मचारियों ने बचाया था।
कुमार ने बताया कि एनआईसीयू में भर्ती बच्चों की हालत गंभीर है।
जिलाधिकारी ने बताया, ‘‘बचाये गये नवजात बच्चों में अभी एक की पहचान नहीं हुई है। एक परिवार है जिसका नवजात नहीं मिल पाया है, उनके मामले की जांच की जा रही है।’’
झांसी जिले के नगर पुलिस अधीक्षक ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि शुक्रवार रात झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के बच्चा वार्ड में अचानक लगी आग की वजह से दम घुटने और झुलसने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई थी।
उन्होंने बताया कि मृत बच्चों में से सात के माता-पिता की पहचान हो जाने पर शनिवार को उनके शवों का पोस्टमार्टम करवाया गया है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि तीन मृत नवजात बच्चों के माता-पिता नहीं मिल पाये हैं।
भाषा आनन्द नेत्रपाल खारी
खारी
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