लखनऊ, नौ अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने रात में आवारा पशुओं के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने के लिए उनपर चमकीली पट्टी लगाने की घोषणा की है।
एक सरकारी आदेश में कहा गया है कि योजना के लिए राज्य के गौ संरक्षण कोष से धनराशि आवंटित की गई है तथा जिलाधिकारियों और पशुपालन विभाग को इसे लागू करने निर्देश दिए गए हैं।
सात अक्टूबर को प्रमुख सचिव के. रवींद्र नायक की ओर से जारी एक सरकारी आदेश के अनुसार, राज्य के गौ संरक्षण कोष का एक हिस्सा राजमार्गों और अन्य व्यस्त सड़कों के आसपास रहने वाली गायों पर बांधने के लिए ‘रेडियम’ की पट्टियां खरीदने में इस्तेमाल किया जाएगा।
अधिकारियों ने कहा कि ऐसा होने पर वाहन चालक गाय के गले में बंधी पट्टी देखकर सावधान हो जाएंगे, जिससे दुर्घटना से बचा जा सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि पट्टियां आवारा पशुओं के सींग और गर्दन पर लगाई जाएंगी।
पशुपालन विभाग के निदेशक पी. एन. सिंह ने कहा, ‘योजना से संबंधित आदेश को लागू करने के लिए जिला स्तर के अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है। हमारा लक्ष्य सर्दी के मौसम में ही आवारा पशुओं पर रेडियम टेप लगाना है।”
पशुपालन विभाग इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम कर रहा हैं। आवारा पशुओं पर पट्टी लगाना राज्य में आवारा पशुओं की समस्या को दूर करने की व्यापक योजना का हिस्सा है।
आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, उत्तर प्रदेश में फिलहाल लगभग 15 लाख आवारा पशु हैं, जिनमें से लगभग 12 लाख पशु आश्रयों में रखे गए हैं।
शेष तीन लाख आवारा पशुओं की देखभाल सहभागिता योजना के तहत सीमांत परिवार करते हैं। इन परिवारों को चारे के लिए प्रति पशु अधिकतम 1,500 रुपये प्रति माह मिलते हैं। योजना के तहत एक परिवार अधिकतम चार मवेशियों को रख सकता है।
भाषा चंदन जफर जोहेब
जोहेब
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