उत्तर प्रदेश में विधानसभा का घेराव करने पर अड़े कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लिया गया |

उत्तर प्रदेश में विधानसभा का घेराव करने पर अड़े कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लिया गया

उत्तर प्रदेश में विधानसभा का घेराव करने पर अड़े कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लिया गया

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Modified Date: December 18, 2024 / 06:08 PM IST
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Published Date: December 18, 2024 6:08 pm IST

लखनऊ, 18 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और कई अन्य पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को बुधवार को शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य विधानसभा का घेराव करने के लिए नियोजित विरोध-प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिया गया।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस द्वारा किसान संकट, बेरोजगारी, महंगाई, निजीकरण और कानून व्यवस्था समेत कई मुद्दों को लेकर राज्य विधानसभा में प्रस्तावित विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर बुधवार को सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं को विरोध स्थल तक पहुंचने से रोकने के लिए विधानसभा के चारों ओर बैरिकेड लगाए गए, जबकि मार्ग में परिवर्तन के कारण लखनऊ के बीचों-बीच यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ।

अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू है और राज्य विधानसभा का सत्र चल रहा है, ऐसे में किसी को भी आदेशों का उल्लंघन नहीं करने दिया जाएगा।

विधानसभा की ओर जाने वाली सड़कों पर अवरोधक लगा दिए गए हैं और मॉल एवेन्यू क्षेत्र में कांग्रेस कार्यालय के बाहर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।

पुलिस ने लखनऊ में लागू प्रतिबंधों का हवाला देते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पार्टी के मॉल एवेन्यू कार्यालय से आगे नहीं बढ़ने दिया। कार्यालय से बाहर निकले कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड तोड़कर विधानसभा तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन वहां तैनात भारी पुलिस बल ने उन्हें रोक दिया।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय, पार्टी के उप्र प्रभारी अविनाश पांडे और अन्य नेताओं ने पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी। कांग्रेस कार्यालय के बाहर करीब चार घंटे तक कार्रवाई जारी रही, जिसके बाद पुलिस ने राय, पांडे और अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया।

हिरासत में लिए जाने के बाद राय ने बस से संवाददाताओं से कहा, ‘हम 2027 में योगी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकेंगे।’ उन्होंने संभल हिंसा को लेकर राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की आलोचना की।

वहीं, पांडे ने संवाददाताओं से कहा, ‘किसानों, बेरोजगार युवाओं, महंगाई और राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था से जुड़े मुद्दों को नजरअंदाज किया जा रहा है। भाजपा अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए धर्म और जाति आधारित विभाजन पैदा करना चाहती है। इन बाधाओं के बावजूद हमारी लड़ाई जारी रहेगी और हम विधानसभा पहुंचने की कोशिश करेंगे।’

राय और पांडे ने मॉल एवेन्यू स्थित पार्टी कार्यालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व किया, जबकि वरिष्ठ विधायक और कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ ने राज्य विधानसभा में यह मामला उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है’ और लोगों की आवाज दबा रही है।

मिश्रा ने दावा किया कि पुलिस प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई कर रही है। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा, ‘आपके पास (सीएलपी नेता होने के नाते) बहुत सारे विशेषाधिकार हैं, लेकिन आपको विधानसभा (कार्यवाही) को हाईजैक करने का विशेषाधिकार नहीं है। आप जहां चाहें वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं और मैं देखूंगा कि आपको कौन रोकता है।’

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा, ‘आज विरोध-प्रदर्शन किस लिए है? वे (कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता) अनावश्यक रूप से अराजकता फैला रहे हैं।’

वहीं, विधानसभा में विपक्ष के नेता और समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक माता प्रसाद पांडे ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को विरोध करने का अधिकार है और सरकार लोकतंत्र को कमजोर करने के लिए हथकंडे अपना रही है।

पांडे ने कहा, ‘जब हम संभल जाना चाहते थे, तो हमें वहां जाने की अनुमति नहीं दी गई।’

बाद में मिश्रा ने विधानसभा के बाहर ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘कांग्रेस चाहती है कि सरकार अराजकता, सांप्रदायिक अशांति, निजीकरण, बेरोजगारी और मुद्रास्फीति जैसे प्रमुख मुद्दों के लिए जवाबदेह हो, जो खतरनाक स्तर पर पहुंच गए हैं। एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में, जवाबदेही की मांग करना न केवल हमारा अधिकार है, बल्कि हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है।’

उन्होंने कहा, ‘लेकिन देखिए क्या हो रहा है। हमारे पार्टी कार्यालयों पर छापे मारे जा रहे हैं। हमें शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन से रोकने के लिए बैरिकेड और कंटीले तार लगाए जा रहे हैं। क्या यही लोकतंत्र है? अब शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन भी दमन का सामना कर रहे हैं। यह बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।’

विरोध के बीच कार्यकर्ताओं ने जबरन हिरासत में लिए जाने की घटनाओं की सूचना दी।

लखीमपुर-खीरी के एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने कहा, ‘मैं अपने पैर में चोट के बावजूद विरोध में शामिल हुआ, लेकिन पुलिस ने मुझे जबरन बस में डाल दिया।’

हिरासत में लिए गए एक अन्य कार्यकर्ता ने निराशा जताई और कहा, ‘कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जबरदस्ती रोका जा रहा है। हमें विधानसभा की ओर मार्च करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। इससे साफ पता चलता है कि इस लोकतंत्र में शांतिपूर्ण प्रदर्शन की भी इजाजत नहीं है। भाजपा सरकार इतनी डरी हुई है कि वह शांतिपूर्ण प्रदर्शन बर्दाश्त नहीं कर सकती।’

घेराव के बारे में पूछे जाने पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि यह योजना सिर्फ अखबारों की सुर्खियां बटोरने के लिए बनाई गई है और कांग्रेस का लोगों से कोई जुड़ाव नहीं है।

पाठक ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ”गलत कामों से घिरी हुई है और उसके कार्यकर्ता दिशाहीन हैं।” उन्होंने दावा किया कि घेराव ‘फ्लॉप शो’ साबित होगा।

पाठक ने कहा, ”2017 के बाद राज्य अपने सर्वांगीण विकास के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है। पूरे राज्य की जनता का मानना है कि सरकार ने उत्तर प्रदेश को देश में नंबर एक स्थान पर लाने का काम किया है। कानून-व्यवस्था में सुधार हुआ है।”

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राय ने कहा, ‘कांग्रेस के विधानसभा घेराव कार्यक्रम से घबराई योगी सरकार अलोकतांत्रिक तरीकों का सहारा ले रही है। पुलिस कार्रवाई के जरिये नेताओं और कार्यकर्ताओं को डराया-धमकाया जा रहा है और हिरासत में लिया जा रहा है। यह लोकतांत्रिक मूल्यों का शर्मनाक उल्लंघन और जनता की आवाज पर हमला है।’

राय ने कहा कि कांग्रेस राज्य सरकार के ‘निरंकुश रवैये’ और पुलिस के जरिये दमन किए जाने का कड़ा जवाब देगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसी कार्रवाई जारी रही तो राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा।

भाषा

जफर पारुल

पारुल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)