लखनऊ, चार सितंबर (भाषा) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को राष्ट्रीय पोषण माह की शुरुआत के अवसर पर कहा कि बच्चों की सेहत सुधरेगी तो पीढ़ी संवरेगी।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘कुपोषित बच्चा समाज के सामने एक चुनौती है। स्वस्थ समाज और सशक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए हमें जाति, मत और मजहब से ऊपर उठकर एक-एक बच्चे पर ध्यान देना पड़ेगा। तभी हम 2047 तक भारत को विकसित बना पाएंगे। इसके लिए हमें अभी से मेहनत करनी पड़ेगा।’’
उन्होंने कहा कि विकसित भारत का सपना साकार होने का मतलब हर चेहरे पर खुशहाली है।
एक बयान के मुताबिक, लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से द्वापर युग में माता यशोदा ने भगवान श्रीकृष्ण का लालन-पालन किया था, उसी तरह से आज के समय में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की भूमिका भी है, उन्हें मां यशोदा की तरह बच्चों का ध्यान रखना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय पोषण माह का यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत की मुहिम को और मजबूती प्रदान करेगा। अगर हमारे प्रदेश के बच्चे सेहतमंद होंगे तो भारत समृद्ध होगा।’’
अपनी सरकार की उपलब्धियों के विषय में बताते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ‘डबल इंजन’ सरकार ने पिछले साढ़े सात वर्ष में उत्तर प्रदेश में 18,000 से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कराया गया है।
कार्यक्रम में योगी ने तीन गर्भवती महिलाओं को पोषित आहार और उपहार भेंट किया। पोषित आहार पाने वाली महिलाओं में कल्पना, मोनिका और खुशनुमा शामिल थीं। इसके अलावा उन्होंने तीन बच्चों – नैतिक, वियांश और आयुषी का अन्नप्राशन कराया।
योगी आदित्यनाथ ने कुपोषित श्रेणी से सुपोषित श्रेणी में आए बच्चों के अभिभावकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को सम्मानित भी किया।
कार्यक्रम में योगी ने 66 करोड़ रुपए की लागत से बने 45 जनपदों के 555 आंगनबाड़ी भवनों का लोकार्पण किया। साथ ही ‘बाल भोग’ पोर्टल की शुरुआत भी की।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।
भाषा जफर नोमान शफीक
शफीक
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