पीलीभीत (उप्र) 29 अक्टूबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने शुक्रवार को किसानों की बदहाल स्थिति और फसलों की खरीद में अव्यवस्था पर रोष प्रकट करते हुए कहा कि अब मैं सरकार के सामने हाथ पैर नहीं जोड़ूंगा और सीधे साक्ष्य लेकर अदालत जाऊंगा और ‘मैं आप सबको गिरफ़्तार कराऊंगा।’ शुक्रवार को यहां अपने दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे वरुण गांधी पीलीभीत में मंडी समिति में निरीक्षण करने गये थे और वहां उन्होंने प्रदेश सरकार की व्यवस्था पर तीखा प्रहार किया। इस मामले में प्रभारी आरएमओ या किसी भी अधिकारी ने टिप्पणी करने से इंकार किया है।
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वरुण गांधी ने मीडिया की उपस्थिति में सीधा आरोप लगाया कि किसान अव्यवस्थाओं के कारण बिचौलियों से अपने अनाज बेचने के लिए मजबूर हो रहा है और निरीक्षण के बीच उन्होंने वहां उपस्थित प्रभारी डिप्टी आरएमओ ज्ञान चंद वर्मा एवं मंडी कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा अगर किसानों के साथ अत्याचार हुआ तो वह अब सरकार के आगे हाथ पांव नही जोड़ेंगे, सीधे अदालत जाएंगे और सबको गिरफ्तार करवाएंगे।
इसके बाद वरूण पूरनपुर पहुंचे और वहां भी उन्होंने मंडी जाकर सरकारी खरीद केंद्रों का निरीक्षण किया। मंडी कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि वे उन सभी को चेतावनी देने आये हैं कि सभी समय रहते सुधर जायें । भाजपा सांसद ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘ जब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य की वैधानिक गारंटी नहीं होगी, ऐसे ही मंडियों में किसानों को शोषण होता रहेगा। इस पर सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।” उन्होंने इस ट्वीट में एक वीडियो टैग किया है जिसमें वह अपने संसदीय क्षेत्र में मंडी में आकर यहां के अधिकारियों से वार्ता कर रहे हैं।
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वीडियो में वरुण गांधी अधिकारी से कहते नजर आ रहे हैं, ” मैं आप लोगों को यहां पर चेताने आया हूं। अब मेरा एक प्रतिनिधि हर मुख्य क्रय केंद्र में आज के बाद रहेगा और यहां पर कौन प्रतिनिधि रहेगा—-और आपको हर समय यहां रहना है। ये इसलिए रहेंगे कि हर चीज को रिकॉर्ड करेंगे और साक्ष्य भी एकत्र करेंगे और अगर ये पता चला कि यहां पर कोई भ्रष्टाचार या किसानों के प्रति क्रूरता है तो मैं सरकार के सामने हाथ पैर नहीं जोड़ूंगा, मैं सीधे साक्ष्य लेकर कोर्ट जाऊंगा और आप सबको गिरफ़तार कराऊंगा।”
इसके पहले वह इसी वीडियो में कहते हैं कि आप लोग अच्छी तरह इस बात को जानते हैं कि मोहम्मदी में एक किसान ने अपने धान की फसल में खुद आग लगा दी और पीलीभीत में यदि ऐसा हुआ तो यह ठीक नहीं होगा । सांसद यह कहते दिख रहे हैं कि प्रदेश के 17 जिलों में अब तक ऐसा हो चुका है कि किसान ने अपनी फसल में खुद ही आग लगा ली जो पूरे उत्तर प्रदेश के लिए शर्म का विषय है।
वरुण ने कहा ”आप इस समय अच्छी तरह जानते हैं कि किसान कितने कष्ट में है। महंगाई का सामना आप भी कर रहे हैं, एक इंसान के रूप में। आप देख रहे हैं कि देश में फर्टिलाइजर की कमी है। आप देख रहे हैं कि किस तरह से प्राकृतिक आपदा का शिकार किसान हुआ है। उत्तरांचल से पानी छोड़ा गया है। बाढ़ आई, बारिश आई और आप लोग हर चीज में झूठा कारण ढूंढ कर, कभी आप कहते हो नमी है, कभी आप कहते हो टूटन है, कभी आप कहते हो कालापन है और आप उसको खारिज करते हो।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे ही किसान मरने के कागार पर हैं और आप उसको भेजते हो अपने मित्रों के पास, ये राइस मिलर, बिचौलिया और उन्हीं को, वे लोग 11 सौ 12 सौ रुपये में बेचते हैं और वे आपके पास आकर 1900 रुपये में बेच रहे है । यह गठजोड़ पूरे देश में दिख रहा है। आप क्यों बद्दुआ लेना चाहते हैं करोड़ों-करोड़ों लोगों की, जो वैसे ही टूटे हुए लोग हैं।”
वरुण गांधी ने अव्यस्था पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा ”प्रदेश के हर क्रय केंद्र पर खुलेआम भ्रष्टाचार है। किसानों का अनाज जबरन खारिज कर दिया जाता है और फिर हताशा में वह बिचौलिए को बेच देता है। प्रशासन कटौती करता है। किसान को पहले से ही भारी लागत, उर्वरक की कमी और खराब मौसम का सामना करना पड़ रहा है।”
गांधी ने चिंता प्रकट करते हुए कहा, ‘‘यह अव्यवस्था अगली पीढ़ी को कृषि से दूर कर देगी और हमारा भोजन और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों खतरे में पड़ जाएगी। इससे सामाजिक अशांति भी पैदा होगी और दरार भी बढ़ेगी।” किसानों के मामले को लेकर लगातार अपनी ही पार्टी की सरकार को आइना दिखा रहे वरुण गांधी ने अभी 23 अक्टूबर को कहा था कि कृषि नीति पर पुनर्चिंतन आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है।
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पहले भी केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित किसानों का समर्थन करने के साथ समय-समय पर विभिन्न मुद्दों पर पार्टी के रुख से अलग विचार व्यक्त कर चुके वरुण गांधी ने 23 अक्टूबर को ट्विटर पर एक किसान द्वारा फसल जलाने का वीडियो साझा करते हुए लिखा, ‘‘उत्तर प्रदेश के किसान श्री समोध सिंह पिछले 15 दिनों से अपनी धान की फसल बेचने के लिए मंडियों में मारे-मारे फिर रहे थे, जब धान बिका नहीं तो निराश होकर इसमें स्वयं आग लगा दी।’’
उन्होंने सवाल उठाते हुए आगे कहा, ‘‘इस व्यवस्था ने किसानों को कहां लाकर खड़ा कर दिया है? कृषि नीति पर पुनर्चिंतन आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है।’
वरुण ने कहा, ”एक किसान के लिए अपनी ही फसल में आग लगाने से बड़ी कोई सजा नहीं हो सकती है। हम सभी को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि क्यों व्यवस्था ने उन्हें बिना किसी गलती के किनारे पर धकेल दिया है।”
गांधी ने दावा किया कि ” अगर हम उन लोगों की रक्षा नहीं कर सकते जो हमें खिलाते (अन्नदाता किसान) हैं तो यह पूरे देश की विफलता है।”
इसके पहले वरुण गांधी ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र पीलीभीत में भारी बारिश के कारण आई भीषण बाढ़ को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा था कि अगर आम आदमी को उसके हाल पर ही छोड़ दिया जाएगा तो फिर सरकार का क्या मतलब है।