Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ से 121 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। कई घायलों का इलाज जारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने आज इस मामले में सत्संग के मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य आयोजकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। लेकिन, सवाल उठ रहे हैं कि आखिर भोले बाबा पर FIR क्यों दर्ज नहीं हुई।
इस वजह से भोले बाबा पर दर्ज नहीं हुआ FIR
बताया जा रहा है कि सत्संग के बाद लगभग 2 बजे भोले बाबा कार्यक्रम स्थल से चले गए थे, जबकि यह भगदड़ इसके बाद तकरीबन 3.30 बजे हुई थी। ऐसे में घटना के दौरान भोले बाबा वहां नहीं था, जिसकी वजह से उसके नाम को FIR में शामिल नहीं किया गया है।
कौन हैं भोले बाबा
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जिस भोले बाबा के सत्संग में यह हादसा हुआ, उसका पूरा नाम साकार विश्व हरि है। एटा जिले के पटियाली गांव के रहने वाले साकार विश्व हरि यानी भोले बाबा पहले पुलिस के गुप्तचर विभाग में नौकरी करते थे। बाद में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और भक्तों की सेवा का काम शुरू किया था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बचपन में वह अपने पिता के साथ खेती बाड़ी का काम करते थे। जवान हुए तो पुलिस में भर्ती हो गए। उन्होंने 26-28 साल की नौकरी के बाद वीआरएस ले लिया और प्रवचन के करने लगे।
हैरानी की बात तो यह है कि वे प्रवचन कार्यक्रमों में अपनी पत्नी को साथ लेकर जाते हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स में उनके प्रवचनों के हवाले से बताया गया है कि उनका कोई गुरु नहीं है। वे कहते हैं कि मुझे ईश्वर से बेहद लगाव हैं। एक बार उनका अहसास हुआ था। उसके बाद मैंने अपनी पूरी जिंदगी मानव कल्याण में लगा दी। संत भोले बाबा के लाखों अनुयायी हैं।
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