लखनऊ, तीन जुलाई (भाषा ) उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी पटेल के निर्देश पर राज्य सरकार ने हाथरस भगदड़ की जांच के लिए बुधवार को तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग गठित की। सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।
सरकारी प्रवक्ता ने बुधवार रात को एक बयान में बताया कि तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग की अध्यक्षता इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्ति) ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव करेंगे ।
उन्होंने बताया कि आयोग के दो अन्य सदस्यों में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी हेमंत राव और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस)के पूर्व अधिकारी भावेश कुमार सिंह शामिल हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि हाथरस भगदड़ के दोषियों का पता लगाने लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है। इस आयोग को दो महीने में जांच पूरी करनी होगी।
आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक राज्य सरकार ने राज्यपाल की सहमति से न्यायिक आयोग का गठन करते हुए पांच बिंदुओं पर रिपोर्ट देने को कहा है। इनमें कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा, जिला प्रशासन द्वारा दी गयी अनुमति और उसकी शर्तों के अनुपालन की जांच करना शामिल है।
आयोग यह भी जांच करेगा कि यह कोई दुर्घटना है, अथवा कोई षडयंत्र या अन्य कोई सुनियोजित आपराधिक घटना।
जिला प्रशासन एवं पुलिस द्वारा कार्यक्रम के दौरान आई भीड़ का नियंत्रण तथा कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए किए गए प्रबंध और उससे संबंधित अन्य पहलुओं की जांच की जिम्मेदारी भी आयोग को दी गई है। आयोग उन कारणों एवं परिस्थितियों का का भी पता लगाएगा जिसके कारण उक्त घटना घटित हुई।
प्रवक्ता के मुताबिक आयोग भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के संबंध में सुझाव भी देगा ।
हाथरस के पुलरई गांव में विश्व हरि ‘भोले बाबा’ द्वारा आयोजित सत्संग के दौरान मंगलवार को मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं।
भाषा जफर धीरज
धीरज
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