लखनऊ: फैजाबाद, इलाहाबाद जैसे शहरों के बाद अब गाजियाबाद शहर का नाम बदलने की पहल शुरू हो चुकी हैं। दरअसल शहर गाजियाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव गाजियाबाद नगर निगम की बैठक में ध्वनिमत से पारित हो गया। इस मौके पर मेयर सुनीता दयाल ने कहा– हम प्रस्ताव सरकार को भेजेंगे, वही तय करेगी कि नया नाम क्या होना चाहिए। नगर निगम के प्रस्ताव के अनुसार ‘गजनगर’ या ‘हरनंदी नगर’ इन दोनों नामों में किसी एक नाम से अब उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद शहर जाना जा सकता है।
शहर का नाम बदलने का नगर निगम में प्रस्ताव बीजेपी पार्षद संजय सिंह ने दिया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक शहर का नाम बदलने के प्रयासों में सबसे आगे दूधेश्वर नाथ मंदिर के मुख्य पुजारी महंत नारायण गिरी रहे हैं। 2022 में उन्होंने सीएम योगी से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा था। मालूम हो कि 14 नवंबर 1976 से पहले गाजियाबाद जिला मेरठ की तहसील थी। 14 नवंबर 1976 गाजियाबाद को जिला के रूप में घोषित किया गया। गाजियाबाद की सरकारी वेबसाइट के अनुसार 1740 में इस जगह की स्थापना गाज़ी-उद-दीन द्वारा की गई थी, जिन्होंने इसे गाजीउद्दीननगर कहा था। रेलवे लाइन खुलने के बाद जगह का नाम छोटा कर गाजियाबाद कर दिया गया।
गौरतलब हैं कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद पहले भी शहरों के नाम बदले जा चुके हैं। जिनमें इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया गया और फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या किया गया। अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ रखने की भी चर्चा जारी है।
इसके अलावा मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन किया गया। साथ ही झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन रखा गया।
रिपोर्ट: वर्णित गुप्ता
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