फिरोजाबाद हादसा : शक्तिशाली विस्फोट ने उजाड़े कई परिवार |

फिरोजाबाद हादसा : शक्तिशाली विस्फोट ने उजाड़े कई परिवार

फिरोजाबाद हादसा : शक्तिशाली विस्फोट ने उजाड़े कई परिवार

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Modified Date: September 17, 2024 / 09:05 PM IST
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Published Date: September 17, 2024 9:05 pm IST

(अरुणव सिन्हा)

फिरोजाबाद/लखनऊ, 17 सितंबर (भाषा) गौरव कुशवाहा ने अपनी तीन साल की भतीजी कुमारी इच्छा को आखिरी बार सोमवार रात साढ़े नौ बजे देखा था। गौरव के घर से जाने के बमुश्किल एक घंटे बाद ही पड़ोसी के मकान में हुए शक्तिशाली विस्फोट ने इस बच्ची की जान ले ली।

फिरोजाबाद जिले में शिकोहाबाद थाना क्षेत्र के नौशेरा मोहल्ले में पड़ोस की इमारत में हुए भीषण विस्फोट में मारे गये पांच लोगों में यह बच्ची भी शामिल थी। इस हृदय विदारक घटना में इच्छा के दो वर्षीय भाई अभिनय की भी मौत हो गई।

गौरव ने बताया कि उनके बड़े भाई धर्मेंद्र किसी काम से घर से बाहर गए हुए थे तभी यह दुखद घटना घटी। विस्फोट के बाद धर्मेंद्र की पत्नी गायत्री और बड़ी बेटी रौनक (पांच) किसी तरह घर से भागकर अपनी जान बचाने में सफल रहीं। हालांकि किस्मत धर्मेंद्र की बेटी इच्छा और भतीजे अभिनय पर मेहरबान नहीं रही। इससे परिवार के सदस्यों और स्थानीय लोगों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

इच्छा और उसका भाई अभिनय उन पांच लोगों में शामिल हैं जो एक पटाखा गोदाम एवं फैक्टरी में सोमवार को अचानक हुए विस्फोट में मारे गये।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि अन्य मृतकों में मीरा देवी (45), अमन कुशवाहा (17) और गौतम कुशवाहा (16) शामिल हैं। घटना में 11 अन्य लोग घायल भी हुए हैं।

गौरव ने सोमवार रात हुई घटना को याद करते हुए ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”यह वाकई पूरे परिवार के लिए बेहद दुखद घटना है। हमारे इलाके में गणपति पूजा का आयोजन था। सोमवार को भंडारा चल रहा था। मैं भंडारा कार्यक्रम स्थल पर ही था। मेरी भाभी, भतीजा और दोनों भतीजियां घर वापस आ गए थे। रात करीब साढ़े नौ बजे मैं भंडारे का प्रसाद देने घर गया था, तभी मैंने आखिरी बार अपनी छोटी भतीजी इच्छा को देखा और उससे बात की थी। रात करीब साढ़े दस बजे अचानक धमाका हुआ और हमारा सब कुछ तबाह हो गया।”

उन्होंने बताया, ”गायत्री और रौनक एक कमरे में टीवी देख रही थीं, जबकि इच्छा और अभिनय दूसरे कमरे में सो रहे थे। हमारे पड़ोस वाले घर में विस्फोट होने से हमारे एक मंजिला घर की छत क्षतिग्रस्त हो गई और बच्चे मलबे में दब गये। गायत्री और रौनक दूसरे कमरे में थीं, वे जान बचाने के लिये घर से बाहर निकल गयीं।”

गौरव ने कहा, ”मेरा पूरा घर तबाह हो गया। मेरी भाभी (गायत्री) अब भी गहरे सदमे में हैं और कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं हैं। बच्चों के शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।”

उन्होंने बताया कि विस्फोट इतना भयानक था कि इलाके के कई घर क्षतिग्रस्त हो गए।

मृत बच्चों के पिता धर्मेंद्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”जब यह घटना हुई तब मैं किसी काम से घर से बाहर था।”

मृतकों के परिजनों ने मंगलवार को सरकार से मुआवजे की मांग की और कहा कि जब तक राज्य सरकार उन्हें मुआवजा नहीं देती, तब तक शवों का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।

विस्फोट में अपनी मां मीरा देवी और छोटे भाई अमन को खोने वाले अनिल कुशवाहा पर भी मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”विस्फोट से बमुश्किल पांच मिनट पहले मैंने अपनी मां से बात की थी। घटना के समय मैं भी घर में था। मैं अपने दो बच्चों को बचा सका लेकिन मां और छोटे भाई तक नहीं पहुंच सका।’’

अनिल ने यह भी कहा कि पड़ोस में पटाखे बनाकर बेचने वाले भूरा उर्फ नवी अब्दुल्ला और उसके दो बेटों के खिलाफ उनके भाई पवन की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है।

स्थानीय निवासियों के अनुसार रात करीब साढ़े दस बजे पटाखा गोदाम में अचानक विस्फोट हुआ, जिससे भवन की दीवारें ढह गईं और उसमें रह रहे एक ही परिवार के करीब सात लोग मलबे में दब गए। स्थानीय निवासियों ने यह भी बताया कि विस्फोट के कारण करीब एक दर्जन मकान क्षतिग्रस्त हो गए और कुछ अन्य मकानों की छतें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं।

भाषा अरुणव सलीम राजकुमार

राजकुमार

 

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