जीएसटी दफ्तर में कपडा उतारने वाले लोहा व्यापारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज |

जीएसटी दफ्तर में कपडा उतारने वाले लोहा व्यापारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

जीएसटी दफ्तर में कपडा उतारने वाले लोहा व्यापारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

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Modified Date: October 7, 2024 / 09:41 PM IST
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Published Date: October 7, 2024 9:41 pm IST

मेरठ (उप्र), सात अक्टूबर (भाषा) राज्य जीएसटी विभाग द्वारा कथित उत्पीड़न के मामले पर अपने कपड़े उतारकर नाटकीय विरोध प्रदर्शन करने वाले मेरठ के लोहा व्यापारी अक्षत जैन के खिलाफ पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। सोमवार को अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उधर, व्यापारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किये जाने के मामले को लेकर लोहा विक्रेता मंडल ने चेतावनी दी है कि मंगलवार तक अगर प्राथमिकी वापस नहीं हुई तो वे लोग बैठक कर अपनी अगली रणनीति तय करेंगे।

जैन चार अक्टूबर को गाजियाबाद जिले के मोहन नगर स्थित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कार्यालय में अपने कपड़े उतारकर धरने पर बैठ गए। जैन का दावा है कि विभाग के लगातार उत्पीड़न से हताश होकर उन्होंने यह कदम उठाया।

गाजियाबाद सहायक पुलिस आयुक्त (एसीसीपी) रजनीश उपाध्याय ने बताया कि साहिबाबाद पुलिस ने आरोपी व्यापारी

अक्षत जैन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 132 (किसी लोक सेवक पर हमला करना, बल प्रयोग करना और उसे अपने कर्तव्य पालन से रोकना), 352 (शांतिभंग के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।

पुलिस के अनुसार जैन के खिलाफ विभाग के सहायक आयुक्त अंतरिक्ष श्रीवास्तव ने थाना साहिबाबाद पुलिस को तहरीर देकर ड्यूटी पर तैनात सरकारी अधिकारी से अभद्रता करने, राजकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर सरकार की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया, जिसके आधार पर यह प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

इस बीच, गाजियाबाद लोहा विक्रेता मंडल ने पुलिस में दर्ज शिकायत को वापस लेने की मांग को लेकर एक ज्ञापन आज जीएसटी विभाग के अतिरिक्त आयुक्त ग्रेड—वन दिनेश कुमार मिश्रा को दिया है।

लोहा विक्रेता मंडल के अध्यक्ष डॉ. अतुल कुमार जैन ने बताया कि ज्ञापन में चार अक्टूबर की घटना के लिए मोहन नगर चेक पोस्ट के सहायक आयुक्त अंतरिक्ष श्रीवास्तव को दोषी ठहराते हुए कहा गया है कि उनके दुर्व्यवहार और उकसाने के कारण यह दुर्घटना हुई है जिसके बाद व्यापारी ने प्रतिक्रिया की।

अतुल जैन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अतिरिक्त आयुक्त ने मंगलवार शाम पांच बजे तक इस मामले में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। यदि कल शाम पांच बजे तक मांगे नहीं मानी गई तो फिर हम गाजियाबाद के सभी व्यापारी बैठक कर आंदोलन की रणनीति तय करेंगे।

जैन ने कहा कि ”हम सभी भारतीय जनता पार्टी के कट्टर समर्थक हैं और योगी आदित्यनाथ जी हमारे यशस्वी मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार के नेतृत्व में पूर्ण आस्था रखते हैं, क्योंकि योगी जी सभी व्यापारियों का बहुत अत्यधिक सम्मान करके नई-नई योजनाओं द्वारा उनका लाभ देने का प्रयास करते हैं।”

उन्होंने कहा कि ”ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ अधिकारी विपक्षी दलों से मिलकर के सरकार को और भारतीय जनता पार्टी को बदनाम करने के उद्देश्य से इस तरह से छोटी-छोटी गलतियों के लिए व्यापारियों के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां करते है।”

अतुल जैन ने कहा कि ”हम नहीं चाहते कि कोई विपक्षी राजनीतिक दल इस घटना को राजनीतिक रूप देने की कोशिश करें। इसलिए हम यही चाहते हैं कि शांतिपूर्वक तरीके से प्रथम सूचना रिपोर्ट वापस लेकर घटना के लिए जिम्मेदार अंतरिक्ष श्रीवास्तव के विरुद्ध समुचित कार्यवाही अमल में लाई जाए।”

उधर, राज्य कर विभाग के सहायक आयुक्त अंतरिक्ष श्रीवास्तव ने व्यापारी पर कार्यालय की व्यवस्था को बिगाड़ने का आरोप लगाया है।

इस घटना का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर सार्वजनिक हो गया, जिसके बाद राज्य के मुख्य विपक्षी दल ने व्यापारियों के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के व्यवहार की व्यापक रूप से निंदा की।

कार्यालय में व्यापारी के कपडे उतारने का वीडियो सोशल मीडिया पर सार्वजनिक होने के बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर वीडियो साझा करते हुए एक पोस्ट में कहा था,” ये है भाजपा राज में ‘ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस’ का सच : भाजपा ने व्यापारियों के कपड़े तक उतरवा लिए हैं। व्यापारी कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!”

इस घटना के संदर्भ में राज्य कर विभाग के अपर आयुक्त ग्रेड-वन दिनेश कुमार मिश्र ने बताया था कि संबंधित व्यापारी ने सचल दल अधिकारी व अन्य अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए हंगामा किया था।

मिश्रा ने कहा कि जांच के दौरान वाहन में लदे माल का वजन 170 किलोग्राम से अधिक पाया गया। 118 प्रतिशत की दर से अर्थदंड आरोपित करते हुए व्यापारी को नोटिस जारी किया गया। व्यापारी ने वाहन चालक की गलती बताते हुए 10,532 रुपये जमा भी कराए हैं, जिसके बाद शुक्रवार रात करीब 10 बजे वाहन को अवमुक्त किया गया।

विभागीय अधिकारियों के अनुसार मेरठ-दिल्ली रोड औद्योगिक क्षेत्र स्थित अरिहंत आयरन एंड स्टील इंडस्ट्री से माल गाजियाबाद के मुकुंदनगर ले जाया जा रहा था। डिलीवरी चालान में 10.250 मिट्रिक टन ब्राइट बार उल्लेखित था, लेकिन चालान के साथ कोई कांटा पर्ची नहीं लगी थी। ऐसे में माल लदे वाहन को मोहन नगर स्थित सचल दल कार्यालय लाया गया।

अधिकारियों ने बताया कि व्यापारी को जांच के दौरान पाई गई विसंगतियों के बारे में बताया गया, लेकिन व्यापारी ने अपनी कमियों को नकारते हुए हंगामा शुरू कर दिया।

भाषा सं आनन्द रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)