पिछली सरकारों के कारण किसानों और उद्यमियों को नुकसान हुआ : आदित्यनाथ |

पिछली सरकारों के कारण किसानों और उद्यमियों को नुकसान हुआ : आदित्यनाथ

पिछली सरकारों के कारण किसानों और उद्यमियों को नुकसान हुआ : आदित्यनाथ

:   Modified Date:  October 22, 2024 / 03:34 PM IST, Published Date : October 22, 2024/3:34 pm IST

लखनऊ, 22 अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की पिछली सरकारों पर रेशम उद्योग और अन्य परम्परागत उत्पाद क्षेत्रों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि प्रदेश के किसानों और उद्यमियों को इस बेरुखी का दंश झेलना पड़ा था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां ‘सिल्क एक्सप’ का उद्घाटन किया, जो 22 से 28 अक्टूबर तक जारी रहेगा।

उन्होंने इस दौरान ‘रेशम मित्र’ पत्रिका का विमोचन भी किया और 16 किसानों, उद्यमियों, संस्थाओं व डिजाइनरों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेशम रत्न सम्मान प्रदान किया।

मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा, “प्राचीन काल से ही उत्तर प्रदेश का किसान-उद्यमी रेशम उद्योग से जुड़ा रहा है लेकिन उन्हें पिछली सरकारों का दंश झेलना पड़ा था। समय के अनुरूप उचित प्रोत्साहन, डिजाइनिंग, पैकेजिंग के साथ उन्हें नहीं जोड़ा गया। यह केवल सिल्क ही नहीं बल्कि परंपरागत उत्पाद के प्रत्येक क्षेत्र में ऐसा होता था।”

उन्होंने कहा कि भाजपा ने रेशम उद्योग और अन्य परम्परागत उद्योग क्षेत्रों को नया जीवन देने के लिये नीतियां बनायी हैं।

योगी ने कहा कि हमने रेशम उत्पादन को 84 गुना बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय जरूर आएगा जब उत्तर प्रदेश रेशम उत्पादन में देश में अग्रणी राज्यों में गिना जाएगा।

उन्होंने कहा कि हमारे पास संभावना और संसाधन भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में भाजपा की सरकार आने के बाद प्रदेश ने परंपरागत उत्पाद को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं।

योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने परंपरागत उत्पाद के लिए नीति बनाई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में रेशम के कलस्टर जिन क्षेत्रों में विकसित हो सकते हैं या जहां संभावनाएं बनी हुई हैं वहां भी उसे तेजी के साथ बढ़ाने के लिए प्रयास शुरू करना होगा।

उन्होंने कहा कि लखनऊ में शीघ्र विकसित होने जा रहा ‘पीएम मित्र टेक्सटाइल्स पार्क’ तमाम संभावनाओं को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

भाषा सलीम जितेंद्र

जितेंद्र

 

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