याचिका वापस लेने की अर्जी की प्रति सभी पक्षों को उपलब्ध कराएं पूर्व विधायक : उच्च न्यायालय |

याचिका वापस लेने की अर्जी की प्रति सभी पक्षों को उपलब्ध कराएं पूर्व विधायक : उच्च न्यायालय

याचिका वापस लेने की अर्जी की प्रति सभी पक्षों को उपलब्ध कराएं पूर्व विधायक : उच्च न्यायालय

:   Modified Date:  October 17, 2024 / 07:55 PM IST, Published Date : October 17, 2024/7:55 pm IST

लखनऊ, 17 अक्टूबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ से कहा कि वह 2022 में मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अवधेश प्रसाद के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका वापस लेने के अनुरोध वाली अपनी अर्जी की प्रति सभी पक्षों को उपलब्ध कराएं और एक सप्ताह के अंदर आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशन की कार्रवाई करें।

याचिकाकर्ता के वकील संदीप यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिका को प्रकाशन के 15वें दिन के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश देते हुए यह बात कही।

अदालत ने आदेश में कहा, ‘‘इलाहाबाद उच्च न्यायालय नियमावली-1952 के अध्याय 15 नियम 10 के साथ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 109 और 110 के तहत निहित प्रावधानों के मद्देनजर याचिकाकर्ता (बाबा गोरखनाथ) द्वारा दायर चुनाव याचिका को वापस लेने का अनुरोध करते हुए एक आवेदन दायर किया गया है।’’

अदालत ने निर्देश देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता, याचिका के सभी पक्षों को इस आवेदन की एक प्रति देने और एक सप्ताह के भीतर आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशन के लिए कदम उठाए।

अदालत ने कहा, ‘‘इस याचिका को सुनवाई के लिए प्रकाशन के 15वें दिन सूचीबद्ध करें।’’

इससे पहले, बुधवार को गोरखनाथ ने 2022 के चुनाव में मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के नेता अवधेश प्रसाद के निर्वाचन को चुनौती देने वाली अपनी याचिका वापस लेने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया था।

इस साल संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में प्रसाद के जीत जाने के बाद मिल्कीपुर सीट खाली हो गई है। निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की थी लेकिन अदालत की लखनऊ पीठ के समक्ष मामले की कार्यवाही लंबित होने के कारण मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित नहीं किया गया था।

गोरखनाथ ने कहा था कि वह मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव का रास्ता साफ करने के लिए याचिका वापस ले रहे हैं।

याचिका में आरोप लगाया गया था कि अवधेश प्रसाद द्वारा दाखिल किए गए नामांकन में जिस व्यक्ति से नोटरी कराया गया था, उसका नोटरी का लाइसेंस पांच वर्ष पूर्व निरस्त हो चुका था। उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार नोटरी के वकील के लिए दस्तावेज प्रमाणीकरण के दिन लाइसेंस होना अनिवार्य है।

इसी साल जून में फैजाबाद सीट से सांसद चुने गये अवधेश प्रसाद ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा था, ‘‘मैंने लगभग चार माह पहले मिल्कीपुर सीट खाली कर दी थी। मुकदमा वापस लेना गोरखनाथ का नैतिक कर्तव्य था और उन्हें मेरे इस्तीफे के तुरंत बाद अपना मुकदमा वापस ले लेना चाहिए था।’’

सपा ने अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को मिल्कीपुर विधानसभा सीट से उपचुनाव के लिये अपना उम्मीदवार बनाया है।

भाषा सं. सलीम खारी

खारी

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)