लखनऊ, 25 अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने शुक्रवार को कहा कि अब जिलाधिकारी और मंडलायुक्त को अपने क्षेत्र में निवेश लाने के प्रयासों की रिपोर्ट बनानी होगी और उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) में उनके कार्यक्षेत्र में हुए निवेश और ऋण संबंधी प्रगति का उल्लेख अनिवार्य होगा।
शुक्रवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में निवेश को बढ़ावा देने और आर्थिक गतिविधियों को मजबूत करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है। ताजा निर्णय के मुताबिक अब जिलाधिकारी (डीएम) और मंडलायुक्त (कमिश्नर) के कार्यक्षेत्र में निवेश की प्रगति और उनके प्रयासों की निगरानी की जाएगी।
सिंह ने कहा कि डीएम और कमिश्नर की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) में उनके कार्यक्षेत्र में हुए निवेश और ऋण संबंधी प्रगति का उल्लेख अनिवार्य होगा। इसके आधार पर अधिकारियों को ग्रेडिंग दी जाएगी, जिससे उनके प्रदर्शन का निष्पक्ष मूल्यांकन हो सके। यह कदम प्रदेश में रोजगार और विकास के नए अवसरों को सृजित करने की दिशा में उठाया गया है।
मुख्य सचिव के अनुसार, उत्तर प्रदेश का क्रेडिट डिपॉजिट (सीडी) रेशियो वर्ष 2017 में 47 प्रतिशत था वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 में इसने उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज करते हुए 60.32 प्रतिशत का आंकड़ा छू लिया है।
सिंह ने बताया कि प्रदेश में क्रमश: संभल, अमरोहा, बदायूं, रामपुर, कासगंज, एटा और मुरादाबाद का सीडी रेशियो सर्वाधिक है। वहीं उन्नाव, बलरामपुर, श्रावस्ती जैसे जिलों का सीडी रेशियो कम है। ऐसे जिलों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने और सीडी रेशियो सुधारने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी।
भाषा
आनन्द, रवि कांत रवि कांत
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