Akhilesh Yadav on UP Budget: लखनऊ। यूपी विधानसभा में आज प्रदेश सरकार द्वारा पेश बजट पर चर्चा हुई। इस दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपना पक्ष रखा। बता दें यूपी में 5 फरवरी को बजट पेश किया गया था। इसी दौरान प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला। यादव ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि यूपी का बजट चाहे 7 करोड़ का हो चाहे आठ लाख करोड़ का सवाल यही है कि 90% जनता के लिए उसमें क्या है? सरकार आंकड़ों में उलझा रही हमें सीधे-सीधे बताएं इस बजट से महंगाई से कितनी राहत मिलेगी कितनों को रोजगार मिला है और कितनों को मिलेगा। क्या इस बजट में किसानों के बोरी की चोरी रुकेगी कि नहीं किसने की आय दुगनी होगी या नहीं मजदूरों को मेहनत की कीमत मिलेगी की नहीं।
Akhilesh Yadav on UP Budget: अच्छी पढ़ाई और अच्छी दवाई के लिए क्या आवंटन है? कारखाने पूरी क्षमता से नहीं चल रहे है। नए बिजली प्लांट के लिए क्या बजट है? नई सड़क छोड़िए पुरानी सड़कों के गड्ढे भरने का कुछ बजट है। ‘बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर, पंछी को छाया नहीं फल लागे अति दूर’। आगे यादव ने पूछा कि झूठे दावों के प्रचार के लिए क्या बजट है इसकी फाइल जनता के सामने अलग से रखी जाए। 1 ट्रिलियन डॉलर इकानामी के लिए हम पांचवी अर्थव्यवस्था बन गए हैं लेकिन आज भी 5 करोड़ जनता अनाज के लिए परेशान है। पुरानी पेंशन के लिए 5 पैसे भी नहीं युवाओं के लिए रोजगार नहीं बेरोजगारी भत्ता नहीं है।
Akhilesh Yadav on UP Budget: 1 ट्रिलियन डॉलर अकादमी का रोड मैप क्या है अमेरिकन कंपनी पर कई सौ करोड रुपए खर्च किए गए क्यों? यूपी के ग्रोथ रेट क्या है और उसको बनाने के लिए स्ट्रेटजी क्या है। इतने बड़े बजट में समाजवादी कविता कहां से आ गई? वित्त मंत्री बताए अपने तो शेयर कम पड़ते हैं दूसरों की ज्यादा पढ़ते हैं। ‘यहां कुछ और कहता है वहां कुछ और कहता है हकीकत कुछ है लेकिन दासतां कुछ और कहता है, कली से ताजगी फूलों से खुशबू हो गई गायब चमन से खुशहाली, माली कुछ और कहता है। डुबा देता हैं कोई नाम तक भी खानदान का किसी के नाम से खानदान चलता है।’
Akhilesh Yadav on UP Budget: वित्त मंत्री की अखिलेश ने चुटकी लेते हुए कहा गांव का नाम तो बता दीजिए बात खानदान तक पहुंची है तो खानदान बढ़ाने के लिए भी कुछ करना चाहिए। हम और आप जब नहीं थे तब भी राम थे और जब हम और आप नहीं रहेंगे तब भी राम रहेंगे। आप बार-बार भगवान राम का अपमान कर रहे हैं क्योंकि वह अजर है अमर है और आप बार-बार कह रहे हैं कि हम उन्हें लाए हैं राम पर राजनीति बंद करिए। अयोध्या का हर बार सीएम ने दौरा किया जब मौका मिलता था तब यह जाते थे। 31000 करोड़ रुपए से ज्यादा पैसे खर्च कर चुकी सरकार अयोध्या को सजाने के लिए जब दिल्ली वालों की यात्रा हुई तो किस नंबर की गाड़ी पर बैठे हुए थे।
Akhilesh Yadav on UP Budget: एक बार मैंने पूर्वांचल एक्सप्रेस की सड़क ट्वीट कर दी थी तो दिल्ली वालों के साथ शूटिंग करनी पड़ी थी। हुजूरे आला खामोश बैठे थे इसी गम महफिल लूट ले गया कोई जबकि हमने सजाई थी। पहले तो वहां के हर प्रचार में दिखे लेकिन जब सही समय आया तो फोकस से आउट थे। तब बहुत मुश्किल से दिखे जब महंगा लाल रंग का कारपेट बिछा महोदय कहीं नहीं दिखाई दिए निर्देश दिए गए थे कि लाल कार्पेट पर कोई नहीं दिखेगा तो यह लाइन में भी नहीं थे। यह साइड लाइन में थे। लाखों दिए जलाए पर खुद को रोशनी में ना ला पाए इसे कहते हैं सच में चिराग चले अंधेरा।
Akhilesh Yadav on UP Budget: आप चाचा के नाम पर हमें छेड़ते हो मैं कुछ लोगों के नाम पर आपको नहीं छेड़ना चाहता। सुना है किसी ने तस्वीर ट्वीट कर दी थी वह भी डिलीट करनी पड़ी। मुख्यमंत्री ने सारे जहां से अच्छा की दो लाइन पढ़ी ना ऊपर की लाइन पढ़ते हैं ना नीचे की लाइन पढ़ते हैं। अल्लामा इकबाल की लाइन आपके बजट में आई मुझे अच्छा लगा उन्होंने सारे जहां से अच्छा गीत लिखा था। कुछ बात है कि हस्ती मिट्ती नहीं हमारी। सदियों रहा है दुश्मन दौरें जहां हमारा। सिद्धार्थ नाथ की चुटकी लेते हुए सदन में अखिलेश ने कहा जो विभाग में मंत्री थे तब कुछ नहीं किया अब बोल रहे हैं। मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना, अल्लामा इकबाल ने भगवान श्री राम के लिए क्या लिखा है राम के वजूद पर हिंदुस्तान को है नाज अहले वतन समझते हैं उन्हें इमामे हिंद वतन।
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