Darul Uloom Deoband bans students from going out and studying coaching

अब बाहर जाकर कोचिंग नहीं कर पाएंगे यहां के छात्र, इस शिक्षण संस्थान ने जारी किया फरमान, बताई ये वजह

अब बाहर जाकर कोचिंग नहीं कर पाएंगे यहां के छात्र, Darul Uloom Deoband bans students from going out and studying coaching

Edited By :  
Modified Date: June 15, 2023 / 06:30 PM IST
,
Published Date: June 15, 2023 4:53 pm IST

सहारनपुर : देश के प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने अपने यहां पढ़ रहे छात्रों के बाहर जाकर किसी अन्य पाठ्यक्रम को पढ़ने पर पाबंदी लगा दी है क्योंकि बाहर जाने से संस्थान की अपनी तालीमी व्यवस्था प्रभावित होती है। संस्थान ने स्पष्ट किया है कि उसने यह प्रतिबंध इसलिए लगाया है क्योंकि छात्रों द्वारा दूसरे कोर्स पढ़ने के लिए बाहर जाने से संस्थान की तालीमी व्यवस्था प्रभावित होती है। दारुल उलूम देवबंद के शिक्षा विभाग द्वारा 12 जून को जारी एक आदेश में कहा गया है, ‘छात्रों को सूचित किया जाता है कि दारुल उलूम देवबंद में शिक्षा ग्रहण करते हुए दूसरी किसी तालीम (इंग्लिश वगैरह) की इजाजत नहीं होगी। अगर कोई छात्र इस काम में लिप्त पाया गया या विश्वस्त सूत्रों से उसके इस अमल की निशानदेही होगी तो उसे निष्कासित कर दिया जाएगा।’

Read More : किताबों से बाहर हुई RSS संस्थापक से जुड़े ये अध्याय, सरकार के फैसले पर भड़की बीजेपी, कह दी ये बात…

आदेश में यह भी कहा गया है, ‘शिक्षण अवधि में कोई भी छात्र कक्षा को छोड़कर कमरे में हरगिज़ न ठहरे। दारुल उलूम प्रशासन किसी भी वक्त किसी भी कमरे का मुआयना कर सकता है। अगर कोई छात्र इस काम में लिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई छात्र कक्षा में हाजिरी बोलकर सबक खत्म होने से पहले चला गया या घंटे के आखिर में हाजिरी दर्ज कराने के लिए कक्षा में दाखिल होता पाया गया तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी।’ मामले को लेकर मीडिया में चर्चा होने के बाद दारुल उलूम देवबंद ने इस पर अपनी सफाई भी पेश की है।

Read More : Cyclone Biporjoy Live News and Updates: चंबल के लिए जारी हुआ Yellow एलर्ट, चक्रवाती तूफ़ान बिपरजॉय को लेकर IMD ने दी चेतावनी

संस्थान के मोहतमिम (मुख्य कर्ताधर्ता) मौलाना अब्दुल कासिम नोमानी ने ‘पीटीआई- भाषा’ को बताया, ‘कुछ मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि दारुल उलूम देवबंद में अंग्रेजी पढ़ने पर पाबंदी लगा दी गई है जबकि ऐसा नहीं है। दारुल उलूम में बाकायदा अंग्रेजी का एक अलग विभाग है और बच्चों को इसकी तालीम दी जा रही है।’ उन्होंने कहा, ‘यह पाबंदी सिर्फ उन छात्रों के लिए है जो दारुल उलूम देवबंद में दाखिला तो आलिम और फाजिल के कोर्स के लिए लेते हैं लेकिन यहां न पढ़कर वे अंग्रेजी या दूसरी पढ़ाई पढ़ने के लिए शहर के किसी कोचिंग सेंटर में जाते हैं। अंग्रेजी पढ़ने से किसी को मना नहीं किया जा रहा है। दारुल उलूम में छात्रों के लिए पूरे 24 घंटे का अलग-अलग शिक्षण और प्रशिक्षण कार्य निर्धारित हैं। ऐसे में छात्रों के बाहर चले जाने से इस संस्थान में उनकी शिक्षा प्रभावित होती है।’

Read More : Balaghat news: मां-बाप को कमरे में किया बंद, फिर गैती से किया दनादन वार, सनकी बेटे ने इस वजह से उठाया खौफनाक कदम

नोमानी ने बताया, ‘‘यह पाबंदी सिर्फ इन्हीं छात्रों के लिए नहीं है बल्कि कई ऐसे छात्र हैं जो मदरसे में दाखिला लेने के बावजूद बाहर अपना कारोबार करते हैं। चाय का ठेला लगाते हैं। उन सभी के ऐसा करने पर पाबंदी लगाई गई है। उसी तरह इन छात्रों पर भी पाबंदी लगाई गई है कि अगर उन्होंने किसी कोर्स में दाखिला लिया है तो उस पर पूरा मन लगाकर पढ़ाई की जाए।’’ इस बीच, दारुल उलूम देवबंद के प्रधानाध्यापक और जमीअत उलमा ई हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि यह शिक्षण संस्थान अंग्रेजी और कंप्यूटर की आधुनिक शिक्षा का विरोध नहीं करता बल्कि संस्थान के अंदर बाकायदा इनके अलग-अलग विभाग हैं, जहां दाखिला लेकर छात्र तालीम हासिल करते हैं लेकिन अक्सर यह देखा जा रहा है कि दारुल उलूम देवबंद में प्रवेश लेकर छात्र बाहर कोचिंग करने जाते हैं जो गलत है। उन्होंने कहा कि इसी वजह से यह पाबंदी लगाई गई है।

 
Flowers