हमीरपुर (हिप्र), नौ सितंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने हमीरपुर के एक सरकारी स्कूल परिसर में अपने बेटे की शादी का समारोह आयोजित करने के लिए एक शिक्षिका को फटकार लगाई है और उसे परिसर में दो ‘वाटर प्यूरीफायर’ लगवाने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि यह कार्यक्रम पांच नवंबर 2021 को सुलगावान गांव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय जाहू कलां में आयोजित किया गया था, जिसमें प्रधानाध्यापक और अन्य कर्मचारी भी मौजूद थे।
स्थानीय निवासी शशिकांत ने इस मामले की शिकायत स्कूल प्रशासन और ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा विभाग को ईमेल के माध्यम से की थी। उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी शिकायत दर्ज कराई थी।
अधिकारियों ने बताया कि जब आठ नवंबर को ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (बीईईओ) जांच के लिए पहुंचे तो शिकायत सही पाई गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से अस्पष्ट जवाब मिलने के बाद शशिकांत ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत आवेदन दाखिल कर तथ्य जुटाए। इसके बाद उन्होंने अप्रैल 2022 में उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर 2012 के अदालत के आदेश का हवाला दिया।
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने 2012 में व्यवस्था दी थी कि सरकारी स्कूलों के परिसर में किसी भी राजनीतिक या निजी कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि शशिकांत की याचिका में राज्य शिक्षा विभाग के सचिव, निदेशक और उप निदेशक, बीईईओ, स्कूल के प्रधानाध्यापक और शादी का आयोजन करने वाली शिक्षिका को प्रतिवादी बनाया गया ।
पिछले सप्ताह जब यह मामला उच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए आया तो शिक्षिका ने स्कूल में शादी समारोह आयोजित करने के लिए माफी मांगी।
अधिकारियों ने बताया कि मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने उन्हें चार हफ्ते में स्कूल में दो आरओ (रिवर्स ऑस्मोसिस) ‘वाटर प्यूरीफायर’ लगवाने का निर्देश दिया।
उन्होंने बताया कि पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को तय की है और सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक को अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
भाषा
नोमान नरेश
नरेश
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