अलीगढ़ (उप्र), तीन नवंबर (भाषा) अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कार्यवाहक कुलपति मोहम्मद गुलरेज की अध्यक्षता वाली कार्य परिषद ने विश्वविद्यालय के कुलपति पद के लिए पांच नामों का चयन किया है जिसमें गुलरेज की पत्नी नइमा खातून का नाम भी शामिल है, जिसे लेकर विवाद छिड़ गया है।
एएमयू के प्रवक्ता उमर पीरजादा ने कहा कि चूंकि मोहम्मद गुलरेज कुलपति पद के लिए उम्मीदवार नहीं थे और बैठक की अध्यक्षता कर सकते हैं और इसमें निजी स्वार्थ इसलिए नहीं है, क्योंकि कानून की नजर में पति और पत्नी कानूनी रूप से स्वतंत्र माने गये हैं। उच्च शिक्षा विभाग और एएमयू अध्यादेश दोनों ही कुलपति के पति/पत्नी को मतदान प्रक्रिया में भाग लेने से नहीं रोकते हैं।
पीरजादा ने बताया कि अब आगे कुलपति पद के लिए तीन संभावित नामों को अंतिम रूप देने के लिए विश्वविद्यालय शासी निकाय को भेजे जाएंगे और यहां की सर्वोच्च शासी निकाय, एएमयू कोर्ट, इसके लिए छह नवंबर को बैठक करेगी।
उन्होंने कहा कि जिन तीन नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा, उन्हें कुलपति चुनने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा जाएगा।
एएमयू अधिकारियों के मुताबिक गत दिवस कार्यकारी परिषद की बैठक हुई जिसमें 20 संभावितों की सूची में से पांच लोगों को चयनित किया गया।
कार्यकारी परिषद के कुछ सदस्यों ने उस समय आपत्ति जताई जब बैठक की अध्यक्षता कर रहे कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ ने इस चयन में अपनी पत्नी प्रोफेसर नईमा खातून, प्रिंसिपल, महिला कॉलेज, एएमयू के लिए मतदान किया। सदस्यों ने इस मामले को लेकर तकनीकी आधार पर आपत्ति जताई।
एएमयू अधिकारियों ने अब तक इस मामले पर कोई स्पष्टीकरण जारी नहीं किया है, लेकिन जिन पांच लोगों का चयन किया गया उनमें प्रोफेसर फैजान मुस्तफा (कुलपति, चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी, पटना और पूर्व कुलपति, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, हैदराबाद), प्रोफेसर एम.यू. रब्बानी (पूर्व डीन, मेडिसिन संकाय, एएमयू), प्रोफेसर नईमा खातून (प्रिंसिपल, महिला कॉलेज, एएमयू), प्रोफेसर फुरकान कमर (पूर्व कुलपति, राजस्थान विश्वविद्यालय और पहले कुलपति, हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय) और प्रोफेसर कय्यूम हुसैन (कुलपति, क्लस्टर यूनिवर्सिटी, श्रीनगर जेके) का नाम शामिल हैं।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों के अनुसार एएमयू कोर्ट में 193 सीटें हैं, जिनमें से 78 सीटें वर्तमान में खाली पड़ी हैं क्योंकि इन पदों के लिए पिछले कई वर्षों से चुनाव नहीं हुए हैं।
यदि प्रोफेसर नइमा खातून को अंततः कुलपति नियुक्त किया जाता है, तो वह इस संस्थान के इतिहास में इस पद पर बैठने वाली पहली महिला होंगी। हालांकि एएमयू की पहली चांसलर भोपाल की बेगम सुल्तान जहां थीं, जिन्हें वर्ष 1920 में नियुक्त किया गया था, जब मोहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज को तत्कालीन विधान परिषद के एक अधिनियम द्वारा एक पूर्ण केंद्रीय विश्वविद्यालय में अपग्रेड किया गया था।
भाषा सं आनन्द जितेंद्र
जितेंद्र
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